चित्रकूट में रमि रहे -रहीम
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चित्रकूट में रमि रहे, ‘रहिमन’ अवध-नरेस ।
जा पर बिपदा परत है , सो आवत यहि देस ॥
- अर्थ
अयोध्या के महाराज राम अपनी राजधानी छोड़कर चित्रकूट में जाकर बस गये, इस अंचल में वही आता है, जो किसी विपदा का मारा होता है।
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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