ज़िला पंचायत
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पंचायती राज व्यवस्था का शीर्षस्तर ज़िला पंचायत है। इसका अध्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है।
संगठन
ज़िला पंचायत में निम्नलिखित सदस्य होते हैं–
- अध्यक्ष
- निर्वाचित सदस्य
- ज़िले से सम्बन्धित, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा तथा विधान परिषद् के सदस्य[1]
- महिलाओं के लिए एक-तिहाई स्थान आरक्षित।
सचिव
सचिव ज़िला पंचायत का प्रमुख अधिकारी होता है। वह ज़िला पंचायत की माँग पर सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। सचिव ज़िला पंचायत का बजट तैयार करता है तथा उसे ज़िला पंचायत के सम्मुख प्रस्तुत करता है। वह ज़िला पंचायत की ओर से सरकारी अनुदान तथा धन प्राप्त करता है। उसके द्वारा ज़िला पंचायत के आय-व्यय की अदायगी की जाती है।
मुख्य कार्यपालिका अधिकारी
यह प्रान्तीय सरकार द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के उच्च टाइम स्केल अधिकारियों में से नियुक्त किया जाता है।
ज़िला पंचायत के कार्य
- ज़िला पंचायत ज़िले में क्षेत्र पंचायतों तथा पंचायतों के कार्यों में ताल मेल उत्पन्न करती है, उनको परामर्श देती है तथा उनके कार्यों की देखभाल करती है।
- ज़िला पंचायत को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा समाज कल्याण आदि के क्षेत्रों में कार्यकारी कार्य भी करने पड़ते हैं।
ज़िला पंचायत की समितियाँ
- कार्यकारी समिति
- नियोजन एवं वित्त समिति
- उद्योग एवं निर्माण कार्य समिति
- शिक्षा समिति
- स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति
- जल प्रबन्धन समिति
आय के स्रोत
- केन्द्र तथा प्रान्तीय सरकारों द्वारा अनुदान
- अखिल भारतीय संस्थाओं से प्राप्त अनुदान
- राजस्व का निश्चित हिस्सा
- ज़िला पंचायत द्वारा क्षेत्र पंचायतों से की गई वसूलियाँ
- ज़िला पंचायत द्वारा प्रशासनिक ट्रस्ट्रों से आय
- ज़िला पंचायत द्वारा तथा लोगों द्वारा दिया गया अनुदान
- ज़िला पंचायत सरकारी ऋण तथा सरकार की पूर्व अनुमति से ग़ैर-सरकारी ऋण भी ले सकती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आरक्षण (1) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को उनकी संख्या के अनुपात में आरक्षण होगा
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