जाजनपुर

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जाजनपुर हरियाणा राज्य का एक गाँव है, जो कैथल से उत्तर-पूर्व की ओर 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इसी स्थान पर महर्षि जमदग्नि का आश्रम था। अब यहाँ एक सरोवर अवशेष रूप में स्थित हैं। जाजनपुर गाँव में प्रत्येक मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मेला लगता है। महर्षि जगदग्नि की परम्परा में बाबा साधु राम ने यहाँ तपस्या की और अपने शरीर का त्याग किया था। इस स्थान को अब बाबा साधु राम की समाधि के रूप में पूजा जाता है।[1]

  • आज भी जाजनपुर गाँव के सरोवर की विशेष बात यह मानी जाती है कि इसमें पानी भरने के बाद फूँकार-हँकार की आवाज आती है। पूर्ण लबालब भरा सरोवर भी पन्द्रह दिनों में सुख जाता है।
  • सांपों की इस जगह अधिकता माना जाती है, लेकिन आज तक कोई नुकसान नहीं हुआ है।
  • जनश्रुति के अनुसार महर्षि जमदग्नि ऋचीक के पुत्र और भगवान परशुराम के पिता थे। इनके आश्रम में इच्छित फलों को प्रदान करनी वाली कामधेनु नामक गाय थी, जिसे कार्तवीर्य अर्जुन छीनकर अपनी राजधानी महिष्मति ले गया था।
  • परशुराम को जब यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने कार्तवीर्य को मार दिया ओर कामधेनु वापिस आश्रम में ले आए।
  • एक दिन अवसर पाकर परशुराम ने कीर्तवीर्य अर्जुन के पुत्रों को भी मार डाला और समस्त पृथ्वी पर घूम-घूमकर इक्कीस बार क्षत्रियों का पूर्ण रूप से संहार किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जमदग्नि स्थल, जाजनपुर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 20 अगस्त, 2013।

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