जो बड़ेन को लघु कहै -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

जो बड़ेन को लघु कहै, नहिं ‘रहीम’ घटि जाहिं ।
गिरिधर मुरलीधर कहे, कछु दु:ख मानत नाहिं ॥

अर्थ

बड़े को यदि कोई छोटा कह दे, तो उसका बड़प्पन कम नहीं हो जाता। गिरिधर श्रीकृष्ण 'मुरलीधर' कहने पर कहाँ बुरा मानते हैं ?


पीछे जाएँ
पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख