ज्येष्ठ
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विवरण | ज्येष्ठ हिन्दू पंचांग का तीसरा मास है। ज्येष्ठ या जेठ माह गर्मी का माह है। |
अंग्रेज़ी | मई-जून |
हिजरी माह | रजब - शाबान |
व्रत एवं त्योहार | गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी शनि अमावस्या |
जयंती एवं मेले | शनि जयंती, कबीर जयंती |
पिछला | बैशाख |
अगला | आषाढ़ |
विशेष | इस माह जल का महत्त्व बढ जाता है। इस माह जल की पूजा की जाती है और जल को बचाने का प्रयास किया जाता है। |
अन्य जानकारी | गंगा नदी को ज्येष्ठ भी कहा जाता है क्योंकि गंगा नदी अपने गुणों में अन्य नदियों से ज्येष्ठ (बड़ी) है। |
ज्येष्ठ हिन्दू पंचांग का तीसरा मास है। ज्येष्ठ या जेठ माह गर्मी का माह है। इस महीने में बहुत गर्मी पड़ती है। फाल्गुन माह में होली के त्योहार के बाद से ही गर्मियाँ प्रारम्भ हो जाती हैं। चैत्र और बैशाख माह में अपनी गर्मी दिखाते हुए ज्येष्ठ माह में वह अपने चरम पर होती है। ज्येष्ठ गर्मी का माह है। इस माह जल का महत्त्व बढ जाता है। इस माह जल की पूजा की जाती है और जल को बचाने का प्रयास किया जाता है। प्राचीन समय में ऋषि मुनियों ने पानी से जुड़े दो त्योहारों का विधान इस माह में किया है-
- ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा
- ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी
विशेष बिंदु
- इस मास में पड़ने वाले त्योहारों से ऋषियों ने संदेश दिया कि गंगा नदी का पूजन करें और जल के महत्त्व को समझें।
- गंगा दशहरे के अगले दिन ही निर्जला एकादशी के व्रत का विधान रखा है जिससे संदेश मिलता है कि वर्ष में एक दिन ऐसा उपवास करें जिसमें जल ना ग्रहण करें और जल का महत्त्व समझें। ईश्वर की पूजा करें।
- गंगा नदी को ज्येष्ठ भी कहा जाता है क्योंकि गंगा नदी अपने गुणों में अन्य नदियों से ज्येष्ठ (बड़ी) है।
- ऐसी मान्यता है कि नर्मदा और यमुना नदी गंगा नदी से बड़ी और विस्तार में ब्रह्मपुत्र बड़ी है किंतु गुणों, गरिमा और महत्त्व की दृष्टि से गंगा नदी बड़ी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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