ट्रीगवी ली
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पूरा नाम | ट्रीगवी हल्व्दन ली |
जन्म | 16 जुलाई, 1896 |
जन्म भूमि | ओस्लो, नॉर्वे |
मृत्यु | 30 दिसम्बर, 1968 |
मृत्यु स्थान | गीलों, नॉर्वे |
पति/पत्नी | हिजोर्दिस जोर्गेंसन |
संतान | तीन पुत्रियाँ- शीशेल, गुरी और मेटे |
नागरिकता | नॉर्वीयन |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ, लेखक, संयुक्त राष्ट्र महासचिव |
पार्टी | नरवियन लेबर पार्टी |
कार्य काल | संयुक्त राष्ट्र महासचिव: 2 फ़रवरी, 1946 से 10 नवम्बर, 1952 |
शिक्षा | क़ानून की डिग्री (1919) |
विद्यालय | ओस्लो विश्वविद्यालय |
धर्म | लुथेर्निज़्म |
अन्य जानकारी | ट्रीगवी ली जुलाई से अक्टूबर 1939 तक नॉर्वे के आपूर्ति मंत्री और 1939 से 1941 तक नॉर्वे के व्यापार मंत्री रहे। 1941 से 1945 तक वे नॉर्वे के विदेश मंत्री रहे। |
ट्रीगवी ली (अंग्रेज़ी: Trygve Lie, जन्म- 16 जुलाई, 1896; मृत्यु- 30 दिसम्बर, 1968) प्रसिद्ध मजदूर नेता, राजकीय अधिकारी, नॉर्वीयन राजनीतिज्ञ तथा जानेमाने लेखक थे। 1940 से 1945 तक उन्होने नॉर्वे के विदेश मंत्री के रूप में सेवा की। फ़रवरी 1946 से नवंबर 1952 तक वे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रहते हुये एक व्यावहारिक, निर्धारित राजनेता के रूप में ख्याति अर्जित की। उनका पूरा नाम 'ट्रीगवी हल्व्दन ली' था।
परिचय
ट्रीगवी ली का जन्म 16 जुलाई, 1896 को ओस्लो नॉर्वे में हुआ था। उनके पिता बढ़ई थे। 1902 में जब वह छ: साल के थे तो उनके पिता परिवार का साथ छोड़कर अमेरिका चले गए। ऐसी परिस्थिति में उनकी माँ ने उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने में मदद की। ट्रीगवी ली का विवाह हिजोर्दिस जोर्गेंसन (1900-1960) से हुआ था। उनकी तीन पुत्रियाँ- शीशेल, गुरी और मेटे हैं। 1911 में ली नॉर्वेजियन लेबर पार्टी में शामिल हो गए और आगे चलकर वे इस पार्टी के महासचिव भी बने। 1919 में उन्होंने ओस्लो विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री ली। 1919 से 1921 तक वे 'डेट 20 डे अर्हंडर' के प्रधान संपादक रहे। 1922 से 1931 तक वे 'श्रमिक नेशनल ट्रेड यूनियन' के क़ानूनी सलाहकार रहे। इसके बाद 1931 से 1935 तक वे 'नॉर्वेजियन श्रमिक परिसंघ' के अध्यक्ष भी रहे।
संयुक्त राष्ट्र कार्यक्षेत्र
ट्रीगवी ली जुलाई से अक्टूबर 1939 तक नॉर्वे के आपूर्ति मंत्री और 1939 से 1941 तक नॉर्वे के व्यापार मंत्री रहे। 1941 से 1945 तक वे नॉर्वे के विदेश मंत्री रहे। ली ने 1945 में सैन फ्रांसिस्को में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में नॉर्वेजियन प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रावधानों का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 1946 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए नॉर्वे के प्रतिनिधिमंडल का नेता नियुक्त किया गया। 1 फ़रवरी 1946 को वे संयुक्त राष्ट्र के पहले महासचिव बने और इस पद पर वे नवंबर 1952 तक रहे। फ़रवरी 1953 में नए महासचिव के द्वारा कार्यभार ग्रहण करने पर वे इस पद से मुक्त हुये।
लेखन कार्य
ट्रीगवी ली संयुक्त राष्ट्र से अपने इस्तीफे के बाद नॉर्वे की राजनीति में सक्रिय रहे। वे ऊर्जा बोर्ड के अध्यक्ष भी बनाए गए थे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं। उनकी प्रकाशित कुछ पुस्तकें निम्न प्रकार हैं-
- डे नए आर्विद्स्त्विस्त्लोव, 1933
- डे फोरेंटों नेश्जोनर, 1949
- सिव आर फ्रीडेन, 1954[1]
- इन्टरनेशनल पोलिटिक, 1955
- लेव एलर डो नोरगे ई कृग, 1955
- मेड इंग्लैंड ई इडिलीनियन 1940–42, 1956
- हाजमोवर, 1958
- ओस्लो-मास्को-लंदन, 1968
सम्मान और पुरस्कार
ली को नॉर्वे और विदेशों में बड़ी संख्या में सम्मानित किया गया-
- नॉर्वेजियन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार - 1966
- ग्रैंड क्रॉस - 1953
- ग्रैंड क्रॉस - 1954
- चोकोस्लोवाक का सम्मान - 1948
- अमेरिका और यूरोप भर में विश्वविद्यालयों द्वारा कई मानद डॉक्टरेट की उपाधियों से भी से सम्मानित किया गया था।
मृत्यु
ट्रीगवी ली की मृत्यु 30 दिसम्बर सन 1968 को अचानक हृदय गति रुक जाने से गीलों, नॉर्वे में हुई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ In the Cause of Peace: Seven Years With the United Nations शीर्षक से अंग्रेज़ी में प्रकाशित