त्रिपुरा का भूगोल

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मध्य एवं उत्तरी त्रिपुरा एक पहाड़ी क्षेत्र है, जिसे पूर्व से पश्चिम की ओर चार प्रमुख घाटियाँ, धर्मनगर, कैलाशहर, कमालपुर और खोवाई, काटती हैं। ये घाटियाँ उत्तर की ओर बहने वाली नदियों (जूरी, मनु व देव, ढलाई और खोवाई) द्वारा निर्मित हैं। पश्चिम व दक्षिण की निचली घाटियाँ खुली व दलदली हैं, हालांकि दक्षिण में भूभाग बहुत अधिक कटा हुआ और घने जंगलों से ढका है। उत्तर से दक्षिण की ओर उन्मुख श्रेणियाँ घाटियों को अलग करती हैं। धर्मनगर घाटी के पूर्व में जमराई त्लंग की ऊँचाई 600 और 900 मीटर के बीच है। पश्चिम की ओर क्रमश: सखान त्लंग, लंगतराई और आर्थरमुरा पर्वतश्रेणियों की ऊंचाई घटते क्रम में है। सुदूर पश्चिम में स्थित पहाड़ी देवतामुरा की ऊँचाई सिर्फ़ 244 मीटर है।

देवतामुरा पर्वतश्रेणी के पश्चिम में अगरतला मैदान है, जो गंगा-ब्रह्मपुत्र निम्नभूमि का विस्तार है तथा इसकी ऊँचाई 61 मीटर से कम है। इस क्षेत्र को कई नदियाँ अपवाहित करती हैं, जिनमें सबसे बड़ी नदी गुमटी का उद्गम पूर्वी पहाड़ियों राधाकिशोरपुर के निकट एक खड़े किनारों वाली घाटी में स्थित है।

लगभग आधा राज्य जंगलों से ढका है; हालांकि खेती के लिए इनकी व्यापक कटाई हुई है, इनमें अब भी महत्त्वपूर्ण वृक्ष पाए जाते हैं, जिनमें मज़बूत लकड़ी है। यहाँ (शोरिया रोबस्टा) शामिल है, जो सागौन के बाद सबसे अधिक क़ीमती लकड़ी है। यहाँ के प्राणियों में बाघ, तेंदुआ, हाथी, सियार, जगंली कुत्ते, जगंली सुअर, गयाल सांड़ जगंली भैंस तथा गौर शामिल हैं।

जलवायु
  • त्रिपुरा की जलवायु कम गर्म तथा आर्द्र होती है।
  • त्रिपुरा राज्य की जलवायु आदर्श बारिश के लिए अनुकूल हैं।


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