दृष्टि
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| हिन्दी | देखने के लिए खुली हुई अथवा देखने में प्रवृत्त आँखें, मन की आँख से देखना, आँखों से देखने की शक्ति। |
| -व्याकरण | स्त्रीलिंग, धातु |
| -उदाहरण | जहाँ तक दृष्टि जाती थी, वहाँ तक जल ही जल दिखाई देता था। |
| -विशेष | उक्त के अतिरिक्त मंगल की अपने से चौथे और आठवें भावों पर, बृहस्पति की पाँचवें और नवें भावों पर, तथा शनि की तीसरे और दसवें भावों पर पूर्ण दृष्टि होती है। |
| -विलोम | |
| -पर्यायवाची | नेत्र, आँख, जोह,ज्योति, दीठि, दीदा, दृश्य अनुभूति, क्षमता, नज़र, निगाह, बीनाई, वीक्षा, सूझ। |
| संस्कृत | दृश+क्तिन |
| अन्य ग्रंथ | |
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