नसिरुद्दीन महमूद का मक़बरा

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नसिरुद्दीन महमूद का मक़बरा दिल्ली में स्थित है। इसे 'सुल्तानगढ़ी मक़बरा' भी कहा जाता है। सुल्तान इल्तुतमिश ने इस मक़बरे का निर्माण मलकापुर में 1231 ई. में करवाया था। मक़बरे की चाहर दीवारी के मध्य में लगभग 66 फुट का आँगन है।

  • स्थापत्य कला के क्षेत्र में इस मक़बरे के निर्माण को एक नवीन प्रयोग के रूप में माना जाता है। चूँकि तुर्क सुल्तानों द्वारा भारत में निर्मित यह पहला मक़बरा था, इसलिए इल्तुतमिश को मक़बरा निर्माण शैली का जन्मदाता कहा जा सकता है।
  • सुल्तानगढ़ी मक़बरे का निर्माण इल्तुतमिश ने अपने ज्येष्ठ पुत्र नसिरुद्दीन महमूद की याद में कुतुबमीनार से लगभग 3 मील की दूरी पर स्थित मलकापुर में 1231 ई. में करवाया था।
  • पर्सी ब्राउन के शब्दों में सुल्तानगढ़ी का शाब्दिक अर्थ है- "गुफ़ा का सुल्तान"।
  • यह मक़बरा आकार में दुर्ग के समान ही प्रतीत होता है। मक़बरे की चाहर दीवारी के मध्य में लगभग 66 फुट का आंगन है।
  • आँगन के बीच में अष्टकोणीय चबूतरा निर्मित है, जो धरातल में मक़बरे की छत का काम करता है। आँगन में कही भूरे रंग का पत्थर तो कही संगमरमर का प्रयोग किया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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