नृपेंद्र मिश्रा

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नृपेंद्र मिश्रा
नृपेंद्र मिश्रा
नृपेंद्र मिश्रा
पूरा नाम नृपेंद्र मिश्रा
जन्म 8 मार्च, 1945
जन्म भूमि कसिली गांव, देवरिया, उत्तर प्रदेश
अभिभावक पिता- सिवेशचंद्र मिश्रा
नागरिकता भारतीय
पद प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री, भारत - 28 मई, 2014 से 30 अगस्त, 2019
शिक्षा रसायन विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान और लोक प्रशासन में पोस्ट ग्रेजुएट
विद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जॉन एफ केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
अन्य जानकारी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नृपेंद्र मिश्रा को मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
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नृपेंद्र मिश्रा (अंग्रेज़ी: Nripendra Misra, जन्म- 8 मार्च, 1945, देवरिया, उत्तर प्रदेश) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे हैं। उनके चुनाव का एक कारण यह रहा कि वह यूपी कैडर के ही रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं और प्रशासनिक कार्य का काफ़ी लम्बा अनुभव उनके पास है। नृपेंद्र मिश्रा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निजी सचिव और पूर्व मुख्यमंत्री और समजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के भी प्रधान सचिव रह चुके हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नृपेंद्र मिश्रा को मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिये उन्हें 'पद्म भूषण' (2021) से सम्मानित किया गया है।

शैक्षणिक जीवन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में कसिली गांव निवासी सिवेशचंद्र मिश्रा के बड़े बेटे नृपेंद्र मिश्रा 8 मार्च, 1945 को जन्मे। वह तीन-तीन विषयों से मास्टर्स हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने रसायन विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान और लोक प्रशासन विषय से पोस्ट ग्रेजुएट किया। उन्होंने विदेश में भी पढ़ाई की। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (लोक प्रशासन) विषय से उन्होंने जॉन एफ केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री ली। फिर 1967 में यूपी काडर के आईएएस बने।[1]

असाधारण कॅरियर

देश के शीर्ष स्तर के नौकरशाह के रूप में नृपेंद्र मिश्रा का लंबा और असाधारण कॅरियर रहा है। देश के नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। उनको एक सक्षम और व्यवसाय समर्थक प्रशासक होने का श्रेय जाता है। वह दयानिधि मारन के मंत्री के कार्यकाल के दौरान दूरसंचार सचिव रह चुके हैं और उनको ब्राडबैंड नीति का श्रेय जाता है।

उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह सरकार में नृपेंद्र मिश्रा प्रमुख सचिव रह चुके हैं। इस बड़े राज्य में काम करते हुए उन्होंने तेज तर्रार और ईमानदार अफसर की पहचान बनाई। जिसके इनाम के तौर पर उन्हें प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में काम करने का मौका मिला। केंद्र में कई अहम पदों पर उन्होंने काम किया। दयानिधि मारन के मंत्री के कार्यकाल के दौरान दूरसंचार सचिव रह चुके हैं और उनको ब्राडबैंड नीति का श्रेय जाता है। डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स में भी 2002 से 2004 के बीच सचिव रहे। रिटायर होने के बाद मनमोहन सिंह की सरकार में नृपेंद्र मिश्रा 2006 से 2009 के बीच टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के भी चेयरमैन रहे।

साल 2014 में बीजेपी की अगुवाई वाली 'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन' (राजग) सरकार के सत्ता में आने के बाद नृपेंद्र मिश्रा को मोदी टीम में शामिल किया गया था। वह राजग के 2019 में और भी बड़े बहुमत के साथ सत्ता में लौटने के बाद भी मोदी की प्रमुख टीम में बने रहे। उसके बाद उन्हें नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर या दिल्ली के उप-राज्यपाल बनाने की अटकलें भी सामने आई थी।

नृपेंद्र मिश्रा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान भी पीएम मोदी के प्रमुख सचिव बनाए गए थे। हालांकि उस समय उनकी नियुक्ति को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। विपक्ष का तर्क था कि ट्राई के नियमों के मुताबिक़ इसका अध्यक्ष रिटायर होने के बाद सरकार से जुड़े किसी पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता, चाहे वह केंद्र की सरकार हो या राज्य की। हालांकि मोदी सरकार ने इस नियम को अध्यादेश लाकर संशोधित कर दिया था, जिसके बाद नृपेंद्र मिश्रा की नियुक्ति की राह आसान हो गई थी।

बड़े थिंक टैंक्स से जुड़ाव

ट्राई के चेयरमैन पद से रिटायर होने के बाद नृपेंद्र मिश्रा पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन से जुड़े। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित दफ्तर में वह कुछ रिसर्च स्कॉलर्स के साथ काम करते थे। यह फाउंडेशन समाज में हाशिए पर पहुंचे लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक थिंकटैंक के रूप में काम करने के लिए जाना जाता है। कुछ समय तक वह मशहूर थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में भी प्रमुख पद पर रहे थे।

विदेश में कार्य अनुभव

नृपेंद्र मिश्रा ने विदेश में भी काम करने का अनुभव हासिल किया है। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में स्पेशल सेक्रेटरी के तौर पर काम करते हुए देश से जुड़े मामलों में मजबूती से पक्ष रखा। इसके अलावा वह मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स में ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे। इसके अलावा वर्ल्ड बैंक, एशियन डिवेलपमेंट बैंक, नेपाल सरकार में सलाहकार के रूप में भी उन्होंने काम किया हुआ है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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