पन्ना (रत्न)
पन्ना बुध ग्रह का रत्न है। नव रत्न में पन्ना भी होता है। बेरिल खनिज जिससे पन्ना बनता है वह अधिकतर दक्षिण महानदी, हिमालय, गिरनार और सोन नदी के पास पाया जाता है। पन्ना बहुत से रंगों में पाया जाता है। यह हरा रंग लिए सफ़ेद लोचदार या नीम की पत्ती जैसे रंग का पारदर्शक होता है। पन्ना रत्न हरे रंग का, हरा रंग लिए सफ़ेद रंग का, नीम के पत्ती के रंग का, बिना तली का, लोचदार और पारदर्शी होता है। हरे रंग का पन्ना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पन्ना अत्यंत नरम पत्थर होता है तथा अत्यंत मूल्यवान पत्थरों में से एक है। रंग, रूप, चमक, वजन, पारदर्शिता के अनुसार इसका मूल्य निर्धारित होता है।[1]
अन्य नाम
- पन्ने को संस्कृत भाषा में मरकत मणि कहा जाता है।
- पन्ने को फारसी भाषा में जमरनम कहा जाता है।
- पन्ने को अंग्रेज़ी भाषा में एमेराल्ड कहा जाता है।
- पन्ने को उर्दू में जमुर्रद कहते हैं।
रंग
- पन्ना तोते के पंख के समान रंग वाले रंग का होता है।
- पन्ना सरेस के पुष्प के रंगों का होता है।
- पन्ना पानी के रंग जैसा भी होता है।
- पन्ना मयूरपंख के रंग का भी होता है।
- पन्ना हल्के संदुल पुष्प के रंग का भी होता है।
- रत्न
- क़ीमती पत्थर को रत्न कहा जाता है अपनी सुंदरता की वजह से यह क़ीमती होते हैं।
- रत्न आकर्षक खनिज का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। बहुत से रत्न ठोस खनिज के होते हैं, लेकिन कुछ नरम खनिज के भी होते हैं।
- रत्न अपनी चमक और अन्य भौतिक गुणों के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है।
- ग्रेडिंग, काटने और पॉलिश से रत्नों को एक नया रूप और रंग दिया जाता है और इसी रूप और रंग की वजह से यह रत्न गहनों को और भी आकर्षक बनाते हैं।
- रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है।
प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार उच्च कोटि में 84 प्रकार के रत्न आते हैं। इनमें से बहुत से रत्न अब अप्राप्य हैं तथा बहुत से नए-नए रत्नों का आविष्कार भी हुआ है। रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज़्यादा पहने जाते हैं। वर्तमान समय में प्राचीन ग्रंथों में वर्णित रत्नों की सूचियाँ प्रामाणिक नहीं रह गई हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लाभकारी है पन्ना धारण करना (हिन्दी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 17 जुलाई, 2010।
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