फागु पूर्णिमा
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विवरण | 'फागु पूर्णिमा' बिहार में मनाया जाने वाला होली के समान ही एक पर्व है। |
राज्य | बिहार |
अन्य नाम | 'फगुआ' |
संबंधित लेख | होली, होलिका दहन, बिहार की होली, बिहार की संस्कृति |
अन्य जानकारी | बिहार और इससे लगे उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में इसे हिंदी नववर्ष के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। |
फागु पूर्णिमा अथवा फगुआ नामक त्योहार बिहार की होली के रूप में जाना जाता है। 'फागु' मतलब लाल रंग और पूर्णिमा यानी पूरा चंद्रमा।
- बिहार और इससे लगे उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में इसे हिंदी नववर्ष के उत्सव के रूप में मनाते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
- होली का त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन रात में होलिका दहन होता है, जिसे यहाँ 'संवत्सर दहन' के नाम से भी जाना जाता है और लोग इस आग के चारों ओर घूमकर नृत्य करते हैं। अगले दिन इससे निकले राख से होली खेली जाती है, जो धुलेठी कहलाती है और तीसरा दिन रंगों का होता है।
- स्त्री और पुरुषों की टोलियाँ घर-घर जाकर ढोल की थाप पर नृत्य करते हैं, एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं और पकवान खाते हैं।
इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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