बबुआ पाण्डेय अखाड़ा, वाराणसी
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बबुआ पाण्डेय अपने जमाने के रईस थे। पाण्डेय घाट, मन्दिर, अखाड़ा। पाण्डे हवेली नामक मुहल्ला इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इस अखाड़े का रास्ता, अनबूझ गलियों में टेढ़े-मेढ़े लम्बे रास्ते से होकर गुजरता है। प्रारंभ में इस अखाड़े के गुरु बबुआ पाण्डेय थे। फिर मुनी, विश्वनाथ, वेदी, भानुप्रताप ब्रह्मचारी यहाँ के गुरु हुए थे। ये सभी कुश्ती के माहिर थे। पन्ना, प्रहलाद, बीरु ने कुश्तियों में इस अखाड़े का नाम रोशन किया। अब मुहल्ले वाले मिल-जुलकर इस अखाड़े में सहयोग करते हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अखाड़े/व्यायामशालाएँ (हिंदी) काशीकथा। अभिगमन तिथि: 19 जनवरी, 2014।
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