बृहत्पराशर स्मृति

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  • 12 अध्यायों वाली इस स्मृति के वक्ता महात्मा सुव्रत को माना गया है- 'पराशरोदितं धर्मशास्त्रं प्रोवाच सुव्रत'।[1] मुख्यरूपेण-
    • वर्णाश्रमधर्म,
    • आचार,
    • सन्ध्या,
    • स्नान,
    • जपादिषट्कर्म,
    • श्राद्ध,
    • तर्पण प्रणव,
    • महिमा,
    • स्वरूप,
    • गायत्री पुरश्चरण,
    • देवार्चन विधि,
    • वैश्वदेव,
    • आतिथ्य,
    • गोमहिमा,
    • शौच,
    • प्रतिग्रहादि,
    • शुद्धि,
    • अशौच,
    • प्रायश्चित्त,
    • षौड्श दानादि एवं
    • अध्यात्म ज्ञान वर्णित है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पराशर स्मृति 12/377