ब्रह्मबांधव उपाध्याय
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पूरा नाम | ब्रह्मबांधव उपाध्याय |
जन्म | 1 फ़रवरी, 1861 |
जन्म भूमि | कलकत्ता, पश्चिम बंगाल |
मृत्यु | 27 अक्तूबर, 1907 |
सम्बंधित व्यक्ति | रवींद्रनाथ टैगोर, शांति निकेतन |
अन्य जानकारी | ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने भारतीय दर्शनशास्त्र पर इंग्लैंड में कई भाषण दिए। बाद के दिनों में कई पत्रों का संपादन किया और अंग्रेज़ों के विरुद्ध उत्तेजक लेख लिखे। |
अद्यतन | 04:31, 4 मार्च-2017 (IST) |
ब्रह्मबांधव उपाध्याय (अंग्रेज़ी: Brahmabandhav Upadhyay, जन्म- 1 फ़रवरी, 1861, कलकत्ता, पश्चिम बंगाल; मृत्यु- 27 अक्तूबर, 1907) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, धर्मशास्त्री और रहस्यवादी थे। इन्होंने गुरूदेव श्री रवींद्रनाथ टैगोर की शांति निकेतन की स्थापना में सहयोग दिया।[1]
जन्म
ब्रह्मबांधव उपाध्याय का जन्म 1 फ़रवरी, 1861 को कलकत्ता (कोलकत्ता), पश्चिम बंगाल के निकट खन्नन में हुआ था।
लेखक
ब्रह्मबांधव उपाध्याय एक प्रकांड विद्वान् थे जिनका हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और फारसी भाषाओं पर असाधारण अधिकार था। वे पहले अध्यापक थे। ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने गुरूदेव श्री रवींद्रनाथ टैगोर की शांति निकेतन की स्थापना में सहयोग दिया। भारतीय दर्शनशास्त्र पर इंग्लैंड में ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने कई भाषण दिए। इन्होंने बाद के दिनों में कई पत्रों का संपादन किया और अंग्रेज़ों के विरुद्ध उत्तेजक लेख लिखे।
मृत्यु
3 सितंबर, 1907 को ब्रह्मबांधव उपाध्याय गिरफ़्तार हुए और अदालत में अपनी सारी ज़िम्मेदारी स्वीकार कर ली। जब मुक़दमा चल रहा था कि बिमारी के कारण 27 अक्तूबर, 1907 को देहावसान हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्मबांधव उपाध्याय (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 4 मार्च, 2017।
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