मूढ़मंडली में सुजन -रहीम
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
मूढ़मंडली में सुजन , ठहरत नहीं बिसेखि ।
स्याम कचन में सेत ज्यो, दूरि कीजियत देखि ॥
- अर्थ
मूर्खों की मंडली में बुद्धिमान कुछ अधिक नहीं ठहरा करते। काले बालों में से जैसे सफेद बाल देखते ही दूर कर दिया जाता है।
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख