रहिमन पानी राखिए -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

‘रहिमन’ पानी राखिए, बिनु पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरै , मोती, मानुष, चून ॥

अर्थ

अपनी आबरू रखनी चाहिए, बिना आबरू के सब कुछ बेकार है। बिना आब का मोती बेकार, और बिना आबरू का आदमी कौड़ी काम का भी नहीं, और इसी प्रकार चूने में से पानी यदि जल गया, तो वह बेकार ही है।


पीछे जाएँ
पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख