रामानुजर मंदिर, कांचीपुरम
रामानुजर मंदिर (अंग्रेज़ी: Ramanujar Temple) दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के श्रीपराम्बुदूर, कांचीपुरम में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु और उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी जी को समर्पित है। दक्षिण भारत में अधिकांश मंदिरों में भगवान विष्णु और उत्तर भारत में अधिकांश मंदिरों में भगवान भोलेनाथ यानि शिव की प्रतिमा स्थापित है।
कौन थे रामानुज
भक्ति काल के प्रसिद्ध वैष्णव संत रामानुज का जन्म 26 अप्रैल, सन 1017 के आसपास श्रीपेरंबुदूर, तमिलनाडु में हुआ था। रामानुज को नीतिराज उदयवर और प्रेपरुमार इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। रामानुजाचार्य जी ने वेदांत दर्शन पर आधारित अपना एक नया दर्शन लोगों के सामने रखा, जिसे हम विशिष्ट अद्वैत वेदांत के नाम से भी जानते हैं। दक्षिण भारत में भक्ति आंदोलन की अलख जलाने का श्रेय इन्हीं को जाता है। दक्षिण भारत में भक्ति आंदोलन का प्रचार प्रसार सर्वप्रथम अलावार और नयनार संतों ने किया था। अलावार का अर्थ होता है- ज्ञानी व्यक्ति या विद्वान। इनका मानना था कि ईश्वर एक है। वह एकेश्वरवादी विष्णु भक्त थे। इनका मानना था कि केवल और केवल विष्णु भगवान की भक्ति से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। रामानुजाचार्य जी के गुरु यमुनाचार्य जी थे। वह एक अलावार संत थे।[1]
अलावार संत संख्या
अलावार संतों की कुल संख्या 12 थी-
- पोयगइ
- पयालवार
- तिरुमलाई
- नम्माळ्वार
- मधुरकवि
- कुलशेखर
- पेरियाळ्वार
- अंडाल
- तोंडरदीप्पोडि
- तिरुजान
- तिरुमंगी
- भुत्तार
अलावार संतों में केवल अंडाल ही एकमात्र महिला संत थीं। रामानुजाचार्य जी की मृत्यु 1137 ई. में श्रीरंगम में हुई।[1]
स्थापत्य कला
दक्षिण भारत में ज्यादातर मंदिर द्रविण शैली में बनाये गये हैं। इसी तरह से उत्तर भारत में ज्यादातर मंदिर नागर शैली में हैं। श्रीपेरंबुदूर रामानुजार मंदिर भी द्रविण शैली के अंतर्गत बनाया गया है। यह मंदिर 1.5 एकड़ जमीन पर बना हुआ है। यह मंदिर चोल और विजयनगर स्थापत्य कला से परिपूर्ण है।
दर्शन
श्री रामनुजार मंदिर के कपाट सुबह 6.30 बजे से 12.00 बजे तक खुलते है। 12 बजेसे 4 बजे तक यह बंद रहता है। उसके बाद यह मंदिर 4.00 बजे से रात के 8.30 तक खुला रहता है। उसके बाद इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
पूजा
श्री रामनुजार मंदिर में रोजाना 4 बार धार्मिक रीती रिवाज से पूजा की जाती है-
- उषाथकलाम - प्रात: 8 बजे
- कलासनथी - प्रात: 10 बजे
- सायरक्षाई - सांय 5 बजे
- अर्धाजमाम - सांय 7 बजे
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 श्री रामानुजर मंदिर-तमिल नाडु (हिंदी) pocketexplorer.in। अभिगमन तिथि: 10 नवंबर, 2021।
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