विष्णुराम अखाड़ा, वाराणसी
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नदेसर स्थित अखाड़ा ‘विष्णु राम’ की स्थापना विष्णु यादव ने की। ये 93 वर्ष में दो जोड़ी गदा फेरते थे। 1938 में दंगलों की प्रदर्शनी में इन्हें जो ख्याति मिली वह बनारस के किसी को अब तक नहीं मिल सकी है। इनाम में दो मन से ऊपर का एक गदा मिला। इस गदे को फेरना आसान काम नहीं है। मिर्जापुर के दंगल में बाजी मार कर लाया गया एक जोड़ी भी सुरक्षित है। इस अखाड़े से मटरू, दूधनाथ, विरजू, खरबरन, मँहगू, दुलारे, महेन्द्र, सुरेन्द्र, मन्नर, श्यामलाल और कमलेश यादव ने नाम कमाया। यह लक्ष्मी घाट पर अत्यन्त खुली जगह में प्राकृतिक सौन्दर्य के मध्य झूल रहा है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अखाड़े/व्यायामशालाएँ (हिंदी) काशीकथा। अभिगमन तिथि: 19 जनवरी, 2014।
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