वेब रत्न पुरस्कार
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी) शाखा ने राष्ट्रीय पोर्टल के अंतर्गत वर्ष 2009 से वेब रत्न पुरस्कार देने की प्रक्रिया प्रारंभ की है। ई-शासन में अनुकरणीय पहल को तथा वर्ल्ड वाइड वेब के प्रयोग को मान्यता प्रदान करने के लिए वेब रत्न पुरस्कार आरंभ किया गया।
- देश में सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी आधारित विकास हासिल करने की दिशा में बेहतर उपाय और सूचना की एकीकृत पहुंच निश्चित करने हेतु भारत सरकार ने अग्रणी पहल करते हुए नवीन ई-गवर्नेंस पहल को प्रोत्साहित करने और इस दिशा में किए गए उत्कृष्ट प्रयासों को मान्यता प्रदान करने के लिए भारत के राष्ट्रीय पोर्टल भारत जीओवी डॉट इन के तहत (www.bharat.gov.in) के अधीन वेब रत्न पुरस्कार स्थापित किए।
- इस पुरस्कार का लक्ष्य ई-गवर्नेंस पहल के बारे में जानकारी के प्रसार के द्वारा जागरुकता लाना है ताकि लोग अपनी जरुरत के हिसाब से इन सेवाओं का उपयोग कर उचित समाधान प्राप्त कर सकें।
- पहली बार शुरू किए गए "वेब रत्न पुरस्कार", 19 अप्रैल 2010 को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ए. राजा द्वारा श्री सचिन पायलट, राज्यमंत्री, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी की उपस्थिति में प्रदान किए गए।
नामांकन आमंत्रण
भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल ने भारत में असाधारण ई-शासन पहल को मान्यता देने के लिए सर्व प्रथम वेब रत्न पुरस्कार की स्थापना की है। विभिन्न श्रेणियों के तहत भारत सरकार के सभी घटकों और केन्द्र तथा राज्य स्तर के साथ विदेश में स्थित भारतीय मिशनों से वेब रत्न पुरस्कार नामांकन आमंत्रित किये जाते हैं।
- नागरिक केन्द्रित सेवा
- लोक भागीदारी पहल
- असाधारण वेब सामग्री
- प्रौद्योगिकी का नवाचारी उपयोग
- व्यापक वेब उपस्थिति - मंत्रालय
- व्यापक वेब उपस्थिति - राज्य
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- वेब रत्न पुरस्कार (आधिकारिक वेबसाइट पर)
- वेब रत्न अवार्ड 2009
- "वेबसाइट में उत्कृष्टता" के लिए वेब रत्न पुरस्कार
- म.प्र- मुख्यमंत्री की वेबसाइट को ‘वेब रत्न’ पुरस्कार
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