संतत संपति जान के -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

संतत संपति जान के , सब को सब कछु देत ।
दीनबंधु बिनु दीन की, को ‘रहीम’ सुधि लेत ॥

अर्थ

यह मानकर कि सम्पत्ति सदा रहने वाली है, धनी लोग सबको जो माँगने आते हैं, सब कुछ देते हैं। किन्तु दीन-हीन की सुधि दीनबन्धु भगवान् को छोड़ और कोई नहीं लेता।


पीछे जाएँ
पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख