सब कोऊ सबसों करें -रहीम
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सब कोऊ सबसों करें, राम जुहार सलाम।
हित अनहित तब जानिये, जा दिन अटके काम॥
- अर्थ
आपस में मिलते हैं तो सभी सबसे राम-राम, सलाम और जुहार करते हैं। पर कौन मित्र है और कौन शत्रु, इसका पता तो काम पड़ने पर ही चलता है। तभी, जबकि किसी का कोई काम अटक जाता है।
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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