स्वयं प्रेरक-कस्तूरबा गाँधी
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कस्तूरबा गाँधी बीमार रहती थीं। एक दिन गाँधी जी ने उन्हें सलाह दी कि तुम नमक खाना छोड़ दो, तो अच्छी हो जाओगी।
कस्तूरबा ने कहा- नमक के बिना भोजन कैसे किया जाएगा।
गाँधी जी बोले- नमक छोड़कर देखो तो सही।
कस्तूरबा ने प्रतिवाद करते हुए कहा - पहले आप ही छोड़कर देखिए न?
गाँधी जी ने संकल्प करते हुए कहा- बस अभी से छोड़ दिया।
उसी दिन से गाँधी जी ने नमक का प्रयोग करना छोड़ दिया।
गाँधी जी अपनी बात के स्वयं प्रेरक बन गए।