ब्रिक्स

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ब्रिक्स सम्मेलन 2014 ब्राज़ील में पाँचों देशों के नेतागण (रूस के राष्ट्रपति- व्लादिमिर पुतिन, भारत के प्रधानमंत्री- नरेन्द्र मोदी, ब्राज़ील की राष्ट्रपति- डिल्मा रॉसेफ, चीन के राष्ट्रपति- शी जिनपिंग और दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति- जेकब ज़ूमा)

ब्रिक्स (BRICS) उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के एक संघ का शीर्षक है। अंग्रेज़ी के अक्षर बी.आर.आई.सी.एस. से बना शब्द 'ब्रिक्स' दुनिया की पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। ब्रिक्स में शामिल इन देशों के नाम के शुरुआती शब्दों को जोड़कर इसे यह नाम दिया गया है। ब्राज़ील (B), रूस (R), भारत (I ), चीन (C) और दक्षिण अफ़्रीका (S) इन सबके नाम का पहला अक्षर लेकर 'ब्रिक्स' कहा गया।[1]

2010 से पहले 'ब्रिक'

इस समूह में दक्षिण अफ़्रीका के जुड़ने से पहले इसे 'ब्रिक' ही कहा जाता था। रूस को छोडकर, ब्रिक्स के सभी सदस्य विकासशील या नव औद्योगीकृत देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था तेज़ीसे बढ़ रही है। ये राष्ट्र क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। वर्ष 2013 तक, पाँचों ब्रिक्स राष्ट्र दुनिया के लगभग 3 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान में, दक्षिण अफ़ीका ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता करता है।

ब्रिक्स सम्मेलन 2014

ब्रिक्स सम्मेलन 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात तय वक्त से ज्यादा लंबी चली। 80 मिनिट की इस मुलाकात में दोनों देशों के नेताओं के बीच सीमा विवाद, पर्यटन और ब्रिक्स बैंक जैसे कई अहम मुद्दों पर बात की। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय रिश्तों को अहम बताते हुए कहा कि जब भारत और चीन मिलते हैं, तो सारी दुनिया देखती है। सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे मैत्रीपूर्ण तरीक़े से सुलझा लेने पर जोर दिया। इस बीच, नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच निर्धारित एक बैठक स्थगित कर दी गई क्योंकि रूसी नेता ब्रासीलिया में राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ से चर्चाओं के चलते लेट हो गए थे।[1]



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