भारत मंडपम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(Bharat Mandapam से अनुप्रेषित)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
भारत मंडपम
भारत मंडपम
भारत मंडपम
विवरण इंटरनेशन एग्जीबिशन कम कन्वेंशन सेंटर की इमारत को 'भारत मंडपम' नाम दिया गया है। यह कॉम्प्लेक्स देश का सबसे बड़ा मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एक्जीबिशन केंद्र है।
देश भारत
स्थान प्रगति मैदान, नई दिल्ली
उद्घाटन 26 जुलाई, 2023
उद्घाटनकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
वास्तुकार संजय सिंह
अन्य जानकारी भारत मंडपम कॉम्प्लेक्स सिडनी के ओपेरा हाउस से भी बड़ा है, जिसमे 5500 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था है जबकि भारत मंडपम की क्षमता 7000 है।
अद्यतन‎

भारत मंडपम (अंग्रेज़ी: Bharat Mandapam) एक अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) है, जिसे एक राष्ट्रीय परियोजना के तहत विकसित किया गया है। भारत मंडपम एक नया सम्मेलन काम्प्लेक्स है। इसे वैश्विक व्यापार सम्मेलन या किसी अन्य प्रकार के बड़े सम्मेलनों के लिए तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई, 2023 को इस कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था। भारत की अध्यक्षता में 9 सितंबर से 10 सितंबर, 2023 तक नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेनल अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। भारत मंडपम, नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर है।

सबसे बड़ा परिसर

भारत मंडपम एक नया सम्मेलन परिसर है जो भारत को वैश्विक व्यापार गंतव्य के रूप में प्रदर्शित और बढ़ावा देने में मदद करेगा। भारत मंडपम का नाम भगवान बसवेश्वर के अनुभव मंडपम के विचार से लिया गया है, जो सार्वजनिक समारोहों के लिए एक मंडप था। भारत मंडपम परिसर को भारत के सबसे बड़े एमआईसीई (सम्मेलन, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) गंतव्य के रूप में विकसित किया गया है।[1]

विस्तार

परिसर में 1,00,000 वर्ग मीटर का एक प्रदर्शनी क्षेत्र, 2,00,000 वर्ग मीटर का एक सम्मेलन क्षेत्र, 3,000 लोगों के लिए एक ऑडिटोरियम, 500 लोगों के लिए एक सेमिनार हॉल, 100 लोगों के लिए कई कार्यशाला हॉल, एक प्रदर्शनी हॉल और कई अन्य सुविधाएं शामिल हैं। भारत मंडपम का डिजाइन शांक (शंख) से प्रेरित है। केंद्र के विभिन्न दीवारों और मुखौटे भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति के कई तत्वों को दर्शाते हैं, जिनमें "सूर्य शक्ति", "शून्य से इसरो" और पंच महाभूत शामिल हैं। सूर्य शक्ति भारत की सौर ऊर्जा के प्रयासों को उजागर करती है।[1]

भारत मंडपम को भारत के सबसे बड़े एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) गंतव्य के रूप में विकसित किया गया है। आयोजनों के लिए उपलब्ध कवर किए गए स्थान के संबंध में, इस परिसर को विश्व स्तर पर शीर्ष प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों के रूप में भी स्थान दिया गया है। इसे भव्य अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, सम्मेलनों, सम्मेलनों आदि की मेजबानी के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका बहुउद्देश्यीय हॉल और प्लेनरी हॉल सात हजार उपस्थित लोगों को समायोजित कर सकता है, जो इसे क्षमता के मामले में ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध सिडनी ओपेरा हाउस से बड़ा बनाता है। इसके एम्फीथिएटर में 3,000 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था है और यह इसकी बहुमुखी प्रतिभा और भव्यता को बढ़ाता है। इसका भव्य परिसर जनता के लिए भी खुला रहेगा और राष्ट्र की प्रगति की आकांक्षा के समर्थन में व्यापक सुविधाएं प्रदान करेगा।

नटराज की मूर्ति

नटराज पतिमा, भारत मंडपम

प्रगति मैदान के भारत मंडपम में अष्टधातु से बनी नटराज की मूर्ति स्थापित है। यह 27 फीट ऊंची और 18 टन वजनी है। अष्टधातु से बनी यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसे तमिलनाडु के स्वामी मलाई के प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन और उनकी टीम ने रिकॉर्ड सात महीने में तैयार किया था। चोल साम्राज्य काल से ही राधाकृष्णन की 34 पीढ़ियाँ मूर्तियां बना रही हैं। ब्रह्मांडीय ऊर्जा, रचनात्मकता और शक्ति का महत्वपूर्ण प्रतीक नटराज की यह प्रतिमा जी20 शिखर सम्मेलन में आकर्षण बनी रही।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा एक्स पर साझा एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 'भारत मंडपम में भव्य नटराज प्रतिमा हमारे समृद्ध इतिहास और संस्कृति के पहलुओं को जीवंत करती है। जैसे ही दुनिया जी20 शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित होगी, यह भारत की सदियों पुरानी कलात्मकता और परंपराओं के प्रमाण के रूप में खड़ा होगा।'

वास्तुकार

भारत मंडपम के वास्तुकार संजय सिंह हैं, जो आरकोप एसोसियेट प्राइवेट लि. के डायरेक्टर हैं। आरकोप ने इसे सिंगापुर की एडास के साथ मिलकर तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2016 में की गई थी। 2023 में बनकर ये तैयार हुआ। इसे बनाने में 2700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 'भारत मंडपम' की सजावट में हर राज्य के आर्टवर्क का इस्तेमाल हुआ है। इसमें 15 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। समिट हॉल में लगे झूमर को चेक रिपब्लिक से मंगाया गया है। इसमें कश्मीर और भदोही (उत्तर प्रदेश) के कालीन लगाए गए हैं।

विभिन्न कार्यक्रम

सवाल यह भी है कि जी-20 के बाद आखिर भारत मंडपम का क्या होगा और ये किस काम आएगा। ये पहले इंटरनेशनल एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में 'भारत मंडपम' का नाम दिया गया। यहां पर देश और दुनिया के कई बड़े कार्यक्रम हो सकते हैं, बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां हों या फिर कोई पुस्तक मेला, हर तरह के कार्यक्रम इस कन्वेंशन सेंटर में होंगे। इसके अलावा सरकार के भी कई बड़े इवेंट्स यहां हो सकते हैं। प्राइवेट क्षेत्र की तरह सरकार को भी उतनी ही फीस देकर इसे बुक कराना होगा।

इंडियन ट्रे़ड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन के तहत ये भारत मंडपम आता है, इसी के जरिए इस कन्वेंशन सेंटर को बुक कराया जा सकता है। यहां कई तरह के हॉल बनाए गए हैं, जहां हजारों लोग एक साथ बैठ सकते हैं और 5 हजार से ज्यादा गाड़ियां पार्क हो सकती हैं। सभी को भव्य तरीके से तैयार किया गया है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 123 एकड़ में फैले भारत मंडपम की क्या है खासियत (हिंदी) prabhatkhabar.com। अभिगमन तिथि: 12 सितम्बर, 2023।
  2. जिस भारत मंडपम में हुआ जी-20 समिट, अब उसका क्या होगा? (हिंदी) abplive.com। अभिगमन तिथि: 12 सितंबर, 2023।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख