भूपेश गुप्ता
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पूरा नाम | भूपेश गुप्ता |
जन्म | अक्टूबर, 1914 |
जन्म भूमि | मैमनसिंह ज़िला, पूर्वी बंगाल |
मृत्यु | 6 अगस्त, 1981 |
मृत्यु स्थान | मॉस्को, रूस |
स्मारक | बी.ए. |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनेता, सांसद |
पार्टी | कम्युनिस्ट |
कार्य काल | 1952 से 1980 तक निरतरं संसद के सदस्य बने रहे। |
शिक्षा | क़ानून की डिग्री |
अन्य जानकारी | 1952 में भूपेश गुप्ता राज्यसभा के सदस्य चुने गए और 1980 तक निरन्तर उसके सदस्य बने रहे। एक सांसद के रूप में उनकी योग्यता का सब लोग सम्मान करते थे। |
अद्यतन | 17:52, 23 मार्च 2017 (IST)
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भूपेश गुप्ता (अंग्रेज़ी: Bhupesh Gupta, जन्म- अक्टूबर, 1914, मैमनसिंह ज़िला, पूर्वी बंगाल; मृत्यु- 6 अगस्त, 1981, मॉस्को, रूस) भारतीय नेता और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता थे। 1952 में भूपेश गुप्ता देश की राज्यसभा के सदस्य चुने गए। वे पार्टी के पत्र 'स्वाधीनता' और 'न्यू एज' के संपादक भी थे।[1]
जन्म एवं परिचय
भूपेश गुप्ता का जन्म अक्टूबर, 1914 ई. में पूर्वी बंगाल के मैमनसिंह ज़िले में एक ज़मींदार परिवार में हुआ था। छोटी उम्र में ही वे क्रांतिकारी दल 'युगांतर' के सदस्य बन गए थे। भूपेश गुप्ता को ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष में भाग लेने के कारण 1930, 1931 और 1933 में जेल की सजाएं भोगनी पड़ीं। अपनी बी.ए. की परीक्षा उन्होंने जेल के अंदर से ही दी थी। 1937 में जेल से छूटने पर भूपेश गुप्ता क़ानून की शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। डिग्री लेने पर भी भूपेश गुप्ता ने नियमित रूप से वकालत नहीं की।
कम्युनिस्ट आंदोलन से संपर्क
इंग्लैंड में ही भूपेश गुप्ता कम्युनिस्ट आंदोलन के संपर्क में आए। 1941 में स्वदेश लौटने पर गिरफ्तारी की आशंका से वे भूमिगत हो गए थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दिनों में जब लोकयुद्ध की पॉलिसी आई और कम्युनिस्ट पार्टी पर से प्रतिबंध हटा लिया गया तो भूपेश गुप्ता भी प्रकट रूप से काम करने लगे।
राजनैतिक जीवन
1952 में भूपेश गुप्ता देश की राज्यसभा के सदस्य चुने गए और 1980 तक निरन्तर उसके सदस्य बने रहे। एक सांसद के रूप में उनकी योग्यता का सब लोग सम्मान करते थे। भूपेश गुप्ता 'भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी' के 'पोलित ब्यूरो' के सदस्य थे। शोषण का निरंतर विरोध करने वाले भूपेश ने पूर्वी बंगाल में छोड़ी अपनी जमींदारी का कोई मुआवजा नहीं लिया।
निधन
भूपेश गुप्ता का 6 अगस्त, 1981 को मॉस्को, रूस में देहांत हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 581 |
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