चहलारी घाट सेतु
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देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
नदी | घाघरा नदी |
रखरखाव | उत्तर प्रदेश राज्य ब्रिज कार्पोरेशन लिमिटेड |
स्थान | सीतापुर से बहराइच |
लम्बाई | 3,260 मीटर |
उद्घाटनकर्ता | अखिलेश यादव और मुख्तार अनीस |
निर्माण | शुरुआत- 2006, पूर्ण- 2017 |
चहलारी घाट सेतु (अंग्रेज़ी: Chahlari Ghat Bridge) उत्तर प्रदेश के पश्चिम में सीतापुर से पूर्व में बहराइच को जोड़ने वाला घाघरा नदी पर बना पुल है। इसकी लंबाई 3,260 मीटर (10,700 फीट) है। यह भारत का दसवां सबसे लंबा नदी पुल और उत्तर प्रदेश में नदी पर सबसे लंबा सड़क पुल है। साल 2006 में पीडब्लूडी मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इस पुल का शिलान्यास किया था। पुल 2017 में पूरा हुआ, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्तार अनीस ने इसका उद्घाटन किया।
- चहलारी घाट सेतु के शुरू हो जाने से सीतापुर से बहराइच जाने वालों की राह आसान हो गई है।
- 350 करोड़ रुपये में बने 3,260 मीटर लंबे इस पुल का शिलान्यास अगस्त, 2006 में हुआ था। घाघरा नदी में आने वाली बाढ़ व अन्य रुकावटों के चलते पुल को तैयार करने में 10 साल से अधिक का समय लग गया।
- 17 अगस्त, 2006 को तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इस पुल का शिलान्यास किया था।
- विश्व बैंक की मदद से 350 करोड़ रुपये की लागत में बने इस पुल के निर्माण में घाघरा की लहरें समय-समय पर मुसीबत खड़ी करती रहीं।
- चहलारी घाट पुल का निर्माण तीन हिस्सों में किया गया है। 2013 में बहराइच जिले की ओर से नदी पर 870 मीटर लंबे पुल का निर्माण कराया जा चुका था। इस बीच नदी ने कटान शुरू कर दिया। इसके बाद सीतापुर की तरफ से नदी पर सेतु निगम ने 1130 मीटर लंबे पुल का निर्माण कराया। कटान से नदी पुल के दोनों हिस्सों के बीच में बहने लगी। इस वजह से पुल को पूरा करने में इंजीनियरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
- दोनों छोरों के बीच खाली 1260 मीटर पर पुल बनाने का काम कुछ दिन ठप रहा। विश्व बैंक के अधिशाषी अभियंता एस.के. गौतम के अनुसार, विश्व बैंक की मदद से 350 करोड़ रुपये से घाघरा पर 3260 लंबे पुल का निर्माण कराया गया है।
- निर्माण पूरा होने के बाद चहलारी घाट का पुल उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा पुल है। इससे पहले बस्ती व अंबेडकरनगर के बीच पड़ने वाला ब्रिज ही यूपी का सबसे बड़ा पुल था। जो बस्ती-लुंबनी-दुद्धी राष्ट्रीय राजमार्ग को कलवारी-टांडा से जोड़ता है।
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