दक्कन ओडिसी (अंग्रेज़ी: Deccan Odyssey) भारतीय रेलवे के महाराष्ट्र मार्ग पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पैलेस ऑन व्हील्स के मॉडल पर आधारित एक विशेष लक्जरी ट्रेन है। यह महाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्रालय, भारत सरकार का एक उपक्रम है। वैसे तो महाराष्ट्र की सैर करने के लिए कई ट्रेनें मिल जाएंगी, लेकिन दक्कन ओडिसी की बात कुछ अलग है। ये ट्रेन महाराष्ट्र में पर्यटन के लिहाज से महत्त्वपूर्ण सभी क्षेत्र कवर करती है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से चलकर ये ट्रेन रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, गोवा, बेलगाम, कोल्हापुर, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, अजंता-एलोरा और फिर वापस मुंबई लौटती है।
विशेषताएँ
- इंडियन रेलवे की 'पैलेस ऑन व्हील्स' की योजना के तहत चलने वाली दक्कन ओडिसी ट्रेन शाही शान-ओ-शौकत की एक जिंदा मिसाल है। जहां सफर के दौरान किसी फाइव स्टार होटल का लुत्फ उठा सकते हैं। इसे चलता-फिरता पांच सितारा होटल भी कह सकते हैं। दक्कन ओडिसी ट्रेन की शुरुआत 16 जनवरी, साल 2004 में हुई थी।[1]
- दक्कन ओडिसी में 21 लग्जरी कोच हैं। इन 21 कोच में 11 कोच मेहमानों के लिए हैं। इसके अलावा 10 कोचों का इस्तेमाल डाइंनिंग, लॉज, स्पा और कान्फ्रेंस कार की जैसी दूसरी सुविधा के लिए किया जाता है।
- पैलेस जैसी सुविधा वाली दक्कन ओडिसी ट्रेन में 6 अलग-अलग यात्रा कार्यक्रम हैं जिसमें 8 दिन और 7 रात शामिल हैं।
- महाराष्ट्र में चलने वाली इस खास ट्रेन के सभी कोच का नाम राज्य के अलग-अलग हिस्सों के नाम पर है।
- दक्कन ओडिसी के कोचों में राजा-महराजा के जमाने जैसी जिंदगी का एहसास कराने के लिए उसे बेहतरीन सुविधाओं से लैस किया गया है।
- राजाओं जैसी जिंदगी, तौर तरीकों के साथ आज के आधुनिक काल की जरूरतों को देखते हुए ट्रेन में एयर कंडीशनर और इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी सुविधा का इंतजाम किया गया है।
- ट्रेन के कोचों में पर्सनल सेफ, टेलीफोन और अटैच्ड बाथरूम जैसी खास सहुलत भी है।
- पर्यटन को बढ़ावा देने की मकसद से शुरू की गई दक्कन ओडिसी ट्रेन सुविधा देने के मामले में सबसे बेहतरीन मानी जाती है।
- इस ट्रेन में दो मल्टी-कुजीन रेस्तरां 'पेशवा I' और 'पेशवा II' भी मौजूद है, जहां मेहमानों को शाही अंदाज़में खाना खिलाया जाता है।
यात्राक्रम
- सात दिनों में महाराष्ट्र दर्शन करने वाली इस ट्रेन का सफर सप्ताह में बुधवार के दिन मुंबई से शुरू होता है।[2]
- सफर के दूसरे दिन ये ट्रेन सिंधुदुर्ग नगरी पहुंचती है। यहां सिंधुदुर्ग का प्रसिद्ध किला, तरकार्ल बीच, धमपुर गांव देखने का मौका मिलेगा।
- तीसरे दिन यह ट्रेन गोवा पहुंचेगी। यहां सेंट ऑगस्टिन चर्च जैसे तमाम मशहूर चर्च और अन्य म्यूजियम देख सकते हैं।
- चौथे दिन ट्रेन आपको गोवा (वास्को) की सैर कराएगी। यहां प्रसिद्ध हिंदू मंदिर मंगेशी, साफा मस्जिद, सहकारी स्पाइस फार्म और चंदोर गांव में स्थित मेनेजेज़ ब्रिगेंजा हाउस का मजा ले सकते हैं। इसके बाद ट्रेन का सफर और भी रोमांच भरा होता जाएगा।
- यात्रा के पांचवें दिन ट्रेन कोल्हापुर पहुंचेगी और यहां आप दर्शन करेंगे प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के। इसके अलावा यहां न्यू पैलेस, म्यूजियम निहारने का मौका भी मिलेगा।
- यात्रा के छठे और सातवें दिन औरंगाबाद-दौलताबाद में एलोरा की गुफ़ाएँ व बीबी का मक़बरा देखने का मौका मिलेगा।
- सातवें दिन विश्व प्रसिद्ध अजंता की गुफ़ाओं में जाने का अवसर मिलेगा। इस दिन नासिक भी घूमेंगे।
- महाराष्ट्र के इन सभी बेहतरीन स्थानों के दर्शन कराने के बाद ये ट्रेन आठवें दिन वापस मुंबई लौट आती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शाही शान-ओ-शौकत के पुराने दिनों की याद ताज़ा कराती डेक्कन ओडिसी ट्रेन (हिंदी) abplive.com। अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2020।
- ↑ डेक्कन ओडिसी में करें शाही सफर (हिंदी) aajtak.in। अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2020।
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