एम. कीर्ति सिंह
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पूरा नाम | मोइरंगाटेम कीर्ति सिंह |
जन्म | 1 फ़रवरी, 1943 |
जन्म भूमि | कोंगबा उचेकॉन, इम्फाल, मणिपुर |
अभिभावक | पिता- एम. बोराजाओ सिंह |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | मणिपुरी साहित्य |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री (1992) |
प्रसिद्धि | लेखक, विद्वान तथा शिक्षाविद |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | एम. कीर्ति सिंह ने मणिपुर के विभिन्न कॉलेजों में फैकल्टी के सदस्य के रूप में सेवा की और सामाजिक सक्रियता में भी शामिल रहे। |
अद्यतन | 13:21, 23 जनवरी 2022 (IST)
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
मोइरंगाटेम कीर्ति सिंह (अंग्रेज़ी: Moirangthem Kirti Singh, जन्म- 1 फ़रवरी, 1943) मणिपुर के प्रसिद्ध लेखक, विद्वान तथा शिक्षाविद थे। उन्होंने मणिपुर के विभिन्न कॉलेजों में फैकल्टी सदस्य के रूप में सेवा की और सामाजिक सक्रियता में भी शामिल रहे। सन 1992 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
- एम. कीर्ति सिंह का जन्म 1 फरवरी, 1943 को इम्फाल के पास कोंगबा उचेकॉन में एम. बोराजाओ सिंह के हुआ था।
- उन्होंने जॉनस्टोन हायर सेकेंडरी स्कूल, इम्फाल और डीएम कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की, जो उन दिनों गुवाहाटी विश्वविद्यालय के अधीन थे।
- दर्शनशास्त्र में बीए और एमए करने के बाद में एम. कीर्ति सिंह ने 1965 में एलएमएस लॉ कॉलेज, इंफाल से कानून में स्नातक की डिग्री (एलएलबी) प्राप्त की। इसके बाद 1972 में डॉक्टरेट की डिग्री (पीएचडी) प्राप्त की, जिससे वे पीएचडी से सम्मानित होने वाले पहले मैतेई बन गए।
- एम. कीर्ति सिंह ने मणिपुर के विभिन्न कॉलेजों में फैकल्टी के सदस्य के रूप में सेवा की और सामाजिक सक्रियता में भी शामिल रहे।
- उन्होंने मैतेई संस्कृति और इतिहास पर कई किताबें प्रकाशित की हैं, विशेष रूप से मेइतिलॉजी पर। '18वीं और 19वीं शताब्दी में मणिपुर में धार्मिक विकास', 'मणिपुर का धर्म और संस्कृति', 'मणिपुर की लोक संस्कृति', 'दर्शन और धर्म' तथा 'द फिलॉसफी ऑफ ऑर्गेनिज्म' आदि उनकी कुछ उल्लेखनीय कृतियां हैं।
- उनके चयनित लेखन को 2014 में आकांक्षा पब्लिशिंग हाउस द्वारा एक सम्मान खंड के रूप में संकलित और प्रकाशित किया गया था।
- भारत सरकार ने उन्हें 1992 में चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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