पटियाला एवं पूर्वी पंजाब राज्य संघ

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पटियाला एवं पूर्वी पंजाब राज्य संघ संक्षिप्त रूप- पेप्सू (अंग्रेज़ी: Patiala and East Punjab States Union or PEPSU) अंग्रेज़ों के अधीन पंजाब का एक हिस्सा था, जो 1948 से 1956 तक भारत का एक प्रांत रहा। यह आठ जिलों पटियाला, जींद, नाभा, फ़रीदकोट, कलसिया, मलेरकोटला, कपूरथला और नालागढ़ से मिलकर बना था।

  • इसका गठन 15 जुलाई, 1948 को किया गया था और 1950 में यह भारत का एक प्रांत बन गया। इसकी राजधानी पटियाला थी और क्षेत्रफल 26,208 वर्ग किलोमीटर था। शिमला, कसौली, कंडाघाट, धरमपुर और चैल इसका हिस्सा थे।
  • जब 1947 में अंग्रेज़ों ने भारत छोड़ा तो पंजाब में कई रियासतें थीं, जिनमें प्रमुख थीं पटियाला, कपूरथला, जींद, फरीदकोट, मालेरकोटला, नालागढ़। पंजाब में अब दो राज्य थे- पंजाब और पेप्सू।
  • पंजाबी क्षेत्र की बोली पंजाबी (गुरुमुखी लिपि) में अपनाई गई। पेप्सू में पंजाबी और हिंदी भाषी क्षेत्र थे।
  • 13 जनवरी 1949 को ज्ञानी सिंह ररेवाला पेप्सू के पहले मुख्यमंत्री बने और कर्नल राघीर सिंह 23 मई, 1951 को दूसरे मुख्यमंत्री बने।
  • 1 नवंबर, 1956 को पेप्सू प्रांत लगभग पूरी तरह नवगठित पंजाब राज्य में विलय कर दिया गया।
  • पेप्सू का एक हिस्सा, जिसमें जींद के आसपास का दक्षिण-पूर्वी हिस्सा और नारनौल एन्क्लेव शामिल है, वर्तमान में हरियाणा में स्थित है, जो 1 नवंबर, 1966 को पंजाब से अलग हुआ था। कुछ अन्य क्षेत्र जो पेप्सू से संबंधित थे, विशेष रूप से सोलन और नालागढ़, वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
  • सन 1948 की शुरुआत में पेप्सु को आठ जिलों में विभाजित किया गया-
  1. पटियाला ज़िला
  2. बरनाला ज़िला
  3. बठिंडा ज़िला
  4. फतेहगढ़ ज़िला
  5. संगरूर ज़िला
  6. कपूरथला ज़िला
  7. महेंद्रगढ़ ज़िला
  8. सोलन ज़िला
  • सन 1953 में जिलों की संख्या घटाकर पाँच कर दी गई, जिसमें बरनाला को संगरूर और सोलन और फ़तेहगढ़ को पटियाला में मिला दिया गया। पेप्सू में चार लोकसभा क्षेत्र थे।
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