"सौर मंडल": अवतरणों में अंतर

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ब्रह्माण्ड में वैसे तो कई सौर मंडल है, लेकिन हमारा सौर मंडल सभी से अलग है, जिसका आकार एक तस्तरी जैसा है। हमारे सौर मंडल के सनदी क्षेत्रों मे सूर्य और वे सभी खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। इन खगोलीय पिंडों मे आठ ग्रह ( चार पार्थिव / स्थलीय आंतरिक ग्रह और चार विशाल गैस से बने बाहरी ग्रह ), उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों मे क्षुद्रग्रह पट्टी, धूमकेतु ( पुच्छल तारे ), उल्कायें, बर्फीली क्विपर पट्टी के पिंड और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौरमंडल मे सूर्य का आकार सब से बड़ा है औऱ इसके केन्द्र मे सूर्य है और सबसे बाहरी सीमा पर नेप्च्युन ग्रह है। नेपच्युन के परे प्लुटो जैसे बौने ग्रहो के अलावा धूमकेतु भी आते है। सभी ग्रह अपनी अपनी पटरी पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं और सूर्य उदारता पूर्वक उन्हें अपने प्रकाश और तप देता है।
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सौर मंडल में मुख्यत : 8 ग्रह हैं। वे हैं : शुक्र, बुध, बृहस्पति, मंगल, शनि, पृथ्वी, यूरेनस और नेपच्यून है। शुक्र सूर्य से सब से करीब है और नेपच्यून उस से सब से दूर। प्लूटो को पहले खगोलिय वैज्ञानिक ग्रह मानते थे लेकिन अब नही मानते है क्योकि 24 अगस्त, 2006 को प्राग में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय खगोल-विज्ञान संघ के अधिवेशन में ‘ग्रह’ की एक नई परिभाषा प्रस्तुत की गई। इसके अनुसार, अब सौर मंडल में ‘प्रधान ग्रहों’ (major planets) की संख्या नौ से घटकर आठ रह गई है; प्लूटो और उसके परे नए खोजे गए पिंड एरीस को ‘बौना ग्रह’ (dwarf planet) का दर्जा दिया गया है।
 
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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05:12, 10 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

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