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{{सूचना बक्सा भारत}}
[[चित्र:bharat-name.jpg|100px]]दुनियाँ की सबसे पुरानी सभ्‍यताओं में से एक है, जो 4,000 से अधिक वर्षों से चली आ रही है और जिसने अनेक रीति-रिवाज़ों और परम्‍पराओं का संगम देखा है। यह देश की समृद्ध संस्‍कृति और विरासत का परिचायक है। आज़ादी के बाद 62 वर्षों में भारत ने सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है। भारत कृषि में आत्‍मनिर्भर देश है और औद्योगीकरण में भी विश्व के चुने हुए देशों में भी इसकी गिनती की जाती है। यह उन देशों में से एक है, जो [[चंद्र ग्रह|चाँद]] पर पहुँच चुके हैं और परमाणु शक्ति संपन्न हैं। भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है, जो हिमाच्‍छादित [[हिमालय]] की बुलन्दियों  से दक्षिण के विषुवतीय वर्षा वनों तक विस्तृत है। क्षेत्रफल में विश्‍व का सातवां बड़ा देश होने के कारण भारत [[एशिया]] महाद्वीप में अलग दिखायी देता है। इसकी सरहदें हिमालय पर्वत और समुद्रों ने बांधी है, जो इसे एक विशिष्‍ट भौगोलिक पहचान देते हैं। उत्तर में बृहत् हिमालय की पर्वत श्रृंखला से घिरा यह देश कर्क रेखा से आगे संकरा होता चला जाता है। पूर्व में [[बंगाल की खाड़ी]], पश्चिम में [[अरब सागर]] तथा दक्षिण में [[हिन्द महासागर]] इसकी सीमाओं का निर्धारण करते हैं।


उत्‍तरी गोलार्ध में स्थित भारत की मुख्‍यभूमि 8 डिग्री 4 मिनट और 37 डिग्री 6 मिनट उत्‍तरी अक्षांश और 68 डिग्री 7 मिनट तथा 97 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशान्‍तर के बीच स्थित है । उत्‍तर से दक्षिण तक इसकी अधिकतम लंबाई 3,214 कि.मी. और पूर्व से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 2,933 कि.मी. है। इसकी ज़मीनी सीमाओं की लंबाई लगभग 15,200 कि.मी. और  तटरेखा की कुल लम्‍बाई 7,516.6 कि.मी है। यह उत्‍तर में हिमालय पर्वत, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिंद महासागर से घिरा हुआ है।
[[चित्र:Ashok-map.jpg|thumb|150px|left|[[अशोक]] के साम्राज्य की सीमा का मानचित्र]]
भारत [[एशिया महाद्वीप]] के दक्षिणी भाग में स्थित तीन प्रायद्वीपों में मध्यवर्ती और सबसे बड़ा प्रायद्वीप । यह त्रिभुजाकार है। [[हिमालय]] पर्वत श्रृंखला को इस त्रिभुज का आधार और [[कन्याकुमारी]] को उसका शीर्षबिन्दु कहा जा सकता है। इसके उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में [[हिन्द महासागर]] स्थित है। ऊँचे-ऊँचे पर्वतों ने इसे उत्तर-पश्चिम में [[अफ़ग़ानिस्तान]] और [[पाकिस्तान]] तथा उत्तर-पूर्व में [[म्यांमार]] से अलग कर दिया है। यह स्वतंत्र भौगोलिक इकाई है। प्राकृतिक दृष्टि से इसे तीन क्षेत्रों में विभक्त किया जा सकता है—हिमालय क्षेत्र, उत्तर का मैदान जिससे होकर [[सिंधु नदी|सिंधु]], [[गंगा नदी|गंगा]] और [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]] नदियाँ बहती हैं, दक्षिण का पठार, जिसे [[विंध्य पर्वतमाला]] उत्तर के मैदान से अलग करती है। भारत की विशाल जनसंख्या सात सौ पचास से अधिक <ref>प्राचीन भारत की संस्कृति और सभ्यता लेखक- दामोदर धर्मानंद कोसंबी</ref> बोलियाँ बोलती है और '''संसार के सभी मुख्य धर्मों को मानने वाले यहाँ मिलते हैं।''' अंग्रेज़ी में भारत का नाम '[[इंडिया]]' सिंधु के [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] रूपांतरण के आधार पर यूनानियों के द्वारा प्रचलित 'हंडस' नाम से पड़ा। सिन्धु का फ़ारसी में हिन्द, हन्द या हिन्दू हुआ। हिन्द का यूनानियों ने इन्दस किया जो बाद में 'इंडिया' हो गया। सिन्धु नदी को अंगेज़ी में आज भी 'इन्डस' ही कहते हैं। मूल रूप से इस देश का नाम प्रागैतिहासिक काल के [[राजा भरत]]<ref>इतिहास कारों के अनुसार यह प्राचीन भरतों का क़बीला भरत है जो उत्तर-पश्चिम में था भरत वंशी भी इन्हें ही माना जाता है</ref> के आधार पर भारतवर्ष है किन्तु अधिकारिक नाम 'भारत' ही है। अब इसका क्षेत्रफल संकुचित हो गया है और इस प्रायद्वीप के दो छोटे-छोटे क्षेत्रों [[पाकिस्तान]] तथा [[बांग्लादेश]] को इससे पृथक करके शेष भू-भाग को भारत कहते हैं। 'हिन्दुस्थान' नाम सही तौर से केवल गंगा के उत्तरी मैदान के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है जहाँ हिन्दी बोली जाती है। इसे भारत अथवा इंडिया का पर्याय नहीं माना जा सकता।
[[चित्र:Harappa-Bronze.jpg|left|thumb|120px|सिन्धु घाटी]]
भारत की आधारभूत एकता उसकी विशिष्ट संस्कृति तथा सभ्यता पर आधारित है। यह इस बात से प्रकट है कि हिन्दू धर्म सारे देश में फैला हुआ है। [[संस्कृत]] को सब देवभाषा स्वीकार करते हैं। जिन [[सात नदियाँ|सात नदियों]] को पवित्र माना जाता है उनमें सिंधु [[पंजाब]] में बहती है और [[कावेरी नदी|कावेरी]] दक्षिण में, इसी प्रकार जिन सात पुरियों को पवित्र माना जाता है उनमें [[हरिद्वार]] [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित है और [[कांची]] सुदूर दक्षिण में। भारत के सभी राजाओं की आकांक्षा रही है कि उनके राज्य का विस्तार आसेतु हिमालय हो। परन्तु इतने बड़े देश को जो वास्तव में एक उपमहाद्वीप है और '''क्षेत्रफल में पश्चिमी रूस को छोड़कर सारे यूरोप के बराबर है''', एक राजनीतिक इकाई बनाये रखना अत्यन्त कठिन था। वास्तव में उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में ब्रिटिश शासकों की स्थापना से पूर्व सारा देश बहुत थोड़े काल को छोड़कर, कभी एक साम्राज्य के अंतर्गत नहीं रहा। ब्रिटिश काल में सारे देश में एक समान शासन व्यवस्था करके तथा अंग्रेज़ों को सारे देश में प्रशासन और शिक्षा की समान भाषा बनाकर पूरे देश को एक राजनीतिक इकाई बना दिया गया। परन्तु यह एकता एक शताब्दी के अन्दर ही भंग हो गयी। 1947 ई. में जब भारत स्वाधीन हुआ, उसे विभाजित करके सिंधु, उत्तर पश्चिमी सीमाप्रान्त, पश्चिमी पंजाब (यह भाग अब पाकिस्तान कहलाता है), पूर्वी तथा उत्तरी बंगाल (यह भाग अब बांगलादेश कहलाता  है) उससे अलग कर दिया गया।
{{मुख्य|भारत का इतिहास}}
[[चित्र:Dancing-girl-mohenjo-daro.jpg|thumb|left|100px|नृत्यांगना [[मोहनजोदाड़ो]] 2500 ई.पू.]]
[[भारत]] में मानवीय कार्यकलाप के जो प्राचीनतम चिह्न अब तक मिले हैं, वे 4,00,000 ई. पू. और 2,00,000 ई. पू. के बीच दूसरे और तीसरे हिम-युगों के संधिकाल के हैं और वे इस बात के साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं कि उस समय पत्थर के उपकरण काम में लाए जाते थे। इसके पश्चात् एक लम्बे अरसे तक विकास मन्द गति से होता रहा, जिसमें अन्तिम समय में जाकर तीव्रता आई और उसकी परिणति 2300 ई. पू. के लगभग सिन्धु घाटी की आलीशान सभ्यता (अथवा नवीनतम नामकरण के अनुसार हड़प्पा संस्कृति) के रूप में हुई। हड़प्पा की पूर्ववर्ती संस्कृतियाँ हैं: बलूचिस्तानी पहाड़ियों के गाँवों की कुल्ली संस्कृति और राजस्थान तथा पंजाब की नदियों के किनारे बसे कुछ ग्राम-समुदायों की संस्कृति।<ref>पुस्तक 'भारत का इतिहास' रोमिला थापर) पृष्ठ संख्या-19</ref>
जैविक गुणसूत्रों के प्रमाणों के आधार पर भारत में मानव का सबसे पहला प्रमाण [[केरल]] से मिला है जो सत्तर हज़ार साल पुराना होने की संभावना है। जिसका आधार [[अफ़्रीक़ा]] के प्राचीन मानव से जैविक गुणसूत्रों (जीन्स) का मिलना है। <ref>देखें: '''शोध ग्रंथ''' {{cite book |last=वेल्स|first=स्पेन्सर|url =http://books.google.ca/books?id=WAsKm-_zu5sC&lpg=PP1&dq=The%20Journey%20of%20Man&pg=PP1#v=onepage&q&f=true |title=अ जेनेटिक ओडिसी|year=2002|publisher=प्रिन्सटन यूनिवर्सिटी प्रॅस, न्यू जर्सी, सं.रा.अमरीका|language=अंग्रेज़ी||id=ISBN 0-691-11532-X}} </ref> यह काल वह है जब अफ़्रीक़ा से आदि मानव ने विश्व के अनेक हिस्सों में बसना प्रारम्भ किया जो पचास से सत्तर हज़ार साल पहले का माना जाता है। कृषि संबंधी प्रथम साक्ष्य [[राजस्थान]] (साम्भर) में पौधे बोने का है जो ईसा से सात हज़ार वर्ष पुराना है। भारत का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होता है। 3000 ई. पूर्व तथा 1500 ई. पूर्व के बीच [[सिंधु घाटी]] में एक उन्नत सभ्यता वर्तमान थी, जिसके अवशेष [[मोहन जोदड़ो]] (मुअन-जो-दाड़ो) और [[हड़प्पा]] में मिले हैं। विश्वास किया जाता है कि भारत में [[आर्य|आर्यों]] का प्रवेश बाद में हुआ। [[वेद|वेदों]] में हमें उस काल की सभ्यता की एक झाँकी मिलती है।
कभी यह मान्यता थी, कि भारत के प्रथम राजा मनु [[स्वयंभुव मनु|स्वंयभू]] थे। मनु का जन्म सीधे [[ब्रह्मा]] से हुआ था और वह अर्ध-नारीश्वर थे। उनके नारीमय आधे शरीर से दो पुत्रों और तीन पुत्रियों का जन्म हुआ, जिनसे मनुओं की वंश-परम्परा चली। उनमें से एक का नाम पृथु था, जिनका पृथ्वी के प्रथम नरेश के रूप में अभिषेक हुआ। उन्हीं के नाम पर भूमि का नाम पृथ्वी पड़ा। उन्होंने वनों को साफ कराया, खेती कराई और पशुपालन, वाणिज्य तथा एक सुस्थापित जीवन से सम्बद्ध अन्य कार्यों का सूत्रपात किया। लेकिन दसवें मनु सबसे अधिक प्रसिद्ध हुए। उन्हीं के शासन काल में वह महाप्रलय हुई, जिसमें सब-कुछ डूब गया था और केवल मनु जीवित बचे थे। [[विष्णु]] ने मनु को इस बाढ़ के सम्बन्ध में पहले ही चेतावनी दे दी थी, इसलिए मनु ने अपने परिवार और सप्तऋषियों को बचा ले जाने के लिए एक नाव बना ली थी। विष्णु ने एक बड़ी [[मछली]] का रूप धारण किया, जिससे वह नौका बाँध दी गई। मछली जल-प्रवाह में तैरती हुई नौका को एक पर्वतशिखर तक ले गई। यहाँ पर मनु, उनका परिवार और सप्तऋषि प्रलय की समाप्ति तक रहे, और पानी कम होने पर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आए। इस महाप्रलय से बचने वाले मनु और उनके परिवार से मनुष्य जाति की उत्पत्ति हुई। मनु के नौ पुत्र थे, जिनमें से सबसे बड़ा पुत्र अर्ध-नारीश्वर था। इसलिए उसके दो नाम थे-इल और [[इला]]। इस पुत्र से राजपरिवार की दो मुख्य शाखाओं का जन्म हुआ, इल से '[[सूर्यवंश]]' और इला से '[[चन्द्रवंश]]' का।<ref>पुस्तक 'भारत का इतिहास' रोमिला थापर) पृष्ठ संख्या-23</ref>
<blockquote>'''प्राचीन भारतीयों ने कोई तिथि क्रमानुसार इतिहास नहीं सुरक्षित रखा है।''' सबसे प्राचीन सुनिश्चित तिथि जो हमें ज्ञात है, 326 ई. पू. है, जब मक़दूनिया के राजा [[सिकन्दर]] ने भारत पर आक्रमण किया। इस तिथि से पहले की घटनाओं का तारतम्य जोड़ कर तथा साहित्य में सुरक्षित ऐतिहासिक अनुश्रुतियों का उपयोग करके भारत का इतिहास सातवीं शताब्दी ई. पू. तक पहुँच जाता है। इस काल में भारत [[क़ाबुल]] की घाटी से लेकर [[गोदावरी]] तक [[सोलह महाजनपद|षोडश जनपदों]] में विभाजित था।</blockquote>
मौर्य (तीसरी शताब्दी ई.पू.), शुंग (प्रथम शताब्दी ई.पू.), शक (प्रथम शताब्दी), कुषाण (द्वितीय शताब्दी), गुप्त (चौथी शताब्दी) और राजपूत (नौवीं शताब्दी) जब उत्तरी भारत में शासन कर रहे थे तब दक्षिण में सातवाहन, चालुक्य, चोल आदि का दौर चल रहा था। उसके बाद में मुस्लिम आक्रमण कारी आये और भारत में शासन करने लगे। जिनमें ग़ुलाम वंश, ख़िलजी, तुग़लक़, लोदी और मुग़लों का शासन रहा। सोलह-सत्रहवीं शती से 1947 ईसवी तक पुर्तग़ाली, फ़्रान्सीसी और अंग्रेज़ यहाँ शासन करते रहे। 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ।
{{इतिहास तिथि क्रम सूची1}}<noinclude>
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/> [[Category:भारत पृष्ठ के साँचे]]  __NOTOC__</noinclude>

07:14, 18 जनवरी 2011 के समय का अवतरण