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{{शब्द संदर्भ लघु
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|हिन्दी=शीघ्रगामी, तेज़, तुरंत, अस्थिर, अँगूठे और तर्जनी के बीच का स्थान जो वैद्यक में मर्मस्थल माना गया है।
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|व्याकरण=धातु, विशेषण- तेजी से, चलता हुआ, पुल्लिंग- मुहूर्त का पन्द्रहवाँ भाग, क्रिया विशेषण- जल्दी, तत्काल।
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|उदाहरण=क्षिप्र बुद्धि, शीघ्र समझने वाला, चंचल।
|उदाहरण=<poem>'''क्षिप्र''' गति अलग है,  
'''क्षिप्र''' तो वह है,
जो सही क्षण में सजग है।- ''' भवानी प्रसाद मिश्र'''</poem>
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|पर्यायवाची=[[अम्लान]], उत्साहपूर्ण, ऊर्जस्वी, ओजस्वी, चटक, स्फूर्तिमान, सतेज, चेतन, चुस्त आदि।
|संस्कृत=क्षिप् (प्रेरणा)+रक (मध्यमावस्था- क्षपीयम्, उत्तमावस्था- क्षेपिष्ठ) सजीव, आशुगामी।  
|संस्कृत=क्षिप् (प्रेरणा)+रक (मध्यमावस्था- क्षपीयम्, उत्तमावस्था- क्षेपिष्ठ) सजीव, आशुगामी।  
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10:08, 11 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी शीघ्रगामी, तेज़, तुरंत, जल्दी, तत्काल, अस्थिर, अँगूठे और तर्जनी के बीच का स्थान जो वैद्यक में मर्मस्थल माना गया है।
-व्याकरण    धातु, विशेषण, पुल्लिंग, क्रिया विशेषण।
-उदाहरण  

क्षिप्र गति अलग है,
क्षिप्र तो वह है,
जो सही क्षण में सजग है।- भवानी प्रसाद मिश्र

-विशेष   
-विलोम   
-पर्यायवाची    अम्लान, उत्साहपूर्ण, ऊर्जस्वी, ओजस्वी, चटक, स्फूर्तिमान, सतेज, चेतन, चुस्त आदि।
संस्कृत क्षिप् (प्रेरणा)+रक (मध्यमावस्था- क्षपीयम्, उत्तमावस्था- क्षेपिष्ठ) सजीव, आशुगामी।
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द क्षिप्रकारी, क्षिप्रहस्त, क्षिप्रोच्चारिता
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश