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'''पर्यटन''' एक ऐसी [[यात्रा]] है जो मनोरंजन या फुरसत के क्षणों का आनंद उठाने के उद्देश्यों से की जाती है। विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार '''पर्यटक''' वे लोग हैं जो "यात्रा करके अपने सामान्य वातावरण से बाहर के स्थानों में रहने जाते हैं, यह दौरा ज़्यादा से ज़्यादा एक साल के लिए मनोरंजन, व्यापार या अन्य उद्देश्यों से किया जाता है, यह उस स्थान पर किसी विशेष क्रिया से सम्बंधित नहीं होता है। पर्यटन दुनिया भर में एक आरामपूर्ण गतिविधि के रूप में लोकप्रिय हो गया है और एक व्यवसाय के रूप में विकसित हो रहा है। [[2007]] में, 903 मिलियन से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, [[2006]] की तुलना में 6.6 % की वृद्धि दर्ज की गई। 2007 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियाँ अमरीकी डॉलर 856 अरब थी। भारतवासी अपनी दीर्घकालीन, अनवरत एवं सतरंगी उपलब्धियों से युक्त इतिहास पर गर्व कर सकते हैं। प्राचीन काल से ही [[भारत]] एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है। यहाँ प्रारम्भ से अनेक अध्यावसायों का अनुसरण होता रहा है, पृथक्-पृथक् मान्यताएँ हैं, लोगों के रिवाज़ और दृष्टिकोणों के विभिन्न रंगों से सजा यह देश अतीत को भूत, वर्तमान एवं भविष्य की आँखों से देखने के लिए आह्वान कर रहा है। किन्तु बहुरंगी सभ्यता एवं संस्कृति वाले देश के सभी आयामों को समझने का प्रयास इतना आसान नहीं है।
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==उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Tajmahal-03.jpg|thumb|[[ताजमहल]], [[आगरा]]]]
उत्तर प्रदेश में पर्यटन के लिए आकर्षण की कई चीजें हैं। ऐतिहासिक [[मुग़ल काल|मुग़ल कालीन]] [[ताजमहल]] उत्तर प्रदेश का ही नहीं बल्कि [[भारत]] का मुख्य पर्यटन स्थल है।
*प्राचीन तीर्थ स्थानों में [[वाराणसी]], विंध्याचल, [[अयोध्या]], [[चित्रकूट]], [[प्रयाग]], नैमिषारण्य, [[मथुरा]], [[वृन्दावन]], देवा शरीफ मुख्य हैं।
*[[फ़तेहपुर सीकरी]] में [[सलीम चिश्ती|शेख़ सलीम चिश्ती]] की दरगाह मुख्य पर्यटन स्थल है।
*[[सारनाथ]], [[श्रावस्ती]], [[कुशीनगर]], कांपिल/ वर्तमान फ़र्रूख़ाबाद, पिपरावा और [[कौशांबी]] प्रमुख हैं।
*[[आगरा]], [[अयोध्या]], [[सारनाथ]], [[वाराणसी]], [[लखनऊ]], झांसी, गोरखपुर, जौनपुर, [[कन्नौज]], [[महोबा उत्तर प्रदेश|महोबा]], देवगढ, बिठूर और विंध्याचल हिन्दू एवं मुस्लिम वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
 
==राजस्थान के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:City-Palace-Jaipur-3.jpg|thumb|[[सिटी पैलेस जयपुर|सिटी पैलेस]], [[जयपुर]]]]
राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से पूरे विश्व में एक अलग स्थान रखता है लेकिन शानदार महलों, ऊँची प्राचीर व दुर्गों वाला शहर जयपुर राजस्थान में पर्यटन का केंद्र है। यह शहर चारों ओर से परकोटों (दीवारों) से घिरा है, जिस में प्रवेश के लीये 7 दरवाजे बने हुए हैं 1876 मैं प्रिंस आफ वेल्स के स्वागत में महाराजा सवाई [[मानसिंह]] ने इस शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया था तभी से इस शहर का नाम गुलाबी नगरी (पिंक सिटी) पड़ गया। यहाँ के प्रमुख भवनों में सिटी पैलेस, 18वीं शताब्दी में बना जंतर-मंतर, हवामहल, रामबाग़ पैलेस और नाहरगढ़ शामिल हैं। अन्य सार्वजनिक भवनों में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय शामिल है। बीकानेर में मुतात्विक दृष्टि से बीका-की-टेकरी का भव्य क़िला(पुराना क़िला), संग्रहालय, लक्ष्मीनारायण मंदिर, भंडेसर मंदिर, नागणेची जी का मंदिर, देवकुण्डसागर में प्राचीन शासकों की छतरियाँ, शिवबाडी मंदिर और लालगढ़ महल महत्वपूर्ण हैं।
राज्य में पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं:
* [[जयपुर]], [[जोधपुर]], [[उदयपुर]], [[बीकानेर]], [[माउंट आबू]]।
* [[अलवर]] में सरिस्का बाघ विहार
* [[भरतपुर]] में केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी विहार
* [[अजमेर]], [[जैसलमेर]], पाली, चित्तौडगढ़ आदि।
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}
==उत्तराखंड के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Haridwar.jpg|[[गंगा नदी]], हरिद्वार<br /> Ganga River, Haridwar|thumb|200px]]
भारत का प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटक स्थल [[देहरादून]] देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी है। शिवालिक पहाड़ियों के बीच बसा देहरादून प्रतिवर्ष लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। उत्तरी [[भारत]] के पश्चिमोत्तर उत्तरांचल राज्य में स्थित देहरादून पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल है। पुराणों के अनुसार इसकी स्थापना कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने की थी। "पहाड़ो की रानी" कहे जाने वाला [[मसूरी]] उत्तराखंड की प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक ख़ूबसूरत शहर है। उत्तराखंड के मुख्य पर्यटन स्थल हैं-
* [[केदारनाथ ज्योतिर्लिंग|केदारनाथ मंदिर]]
* [[नैनीताल]]
* [[गंगोत्री]]
* [[यमुनोत्री]]
* [[बद्रीनाथ]]
* [[हरिद्वार]]
* [[ऋषिकेश]]
* विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी, पिंडारी ग्लेसियर, रूपकुंड, दयारा, बुग्याल, औली तथा मसूरी, देहरादून, चकराता, नैनीताल, रानीखेत, बागेश्वर, भीमताल, कौसानी और लैंसडाउन जैसे पर्वतीय स्थल आकर्षण के केन्द्र हैं।
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}
 
==हरियाणा के पर्यटन स्थल==
हरियाणा में स्थित [[हिसार]] एक ख़ूबसूरत स्थान है और [[हिसार पर्यटन]] का आकर्षक स्‍थल है। पर्यटक यहाँ पर कई ख़ूबसूरत स्थलों की सैर कर सकते हैं। यहाँ पर सम्राट [[अशोक]] के काल का एक स्तम्भ, [[कुषाण वंश]] के सिक्के व अन्य अवशेष भी मिले हैं। [[फ़रीदाबाद]] पर्यटन का आकर्षक स्थल है। हरियाणा के प्रमुख पर्यटन स्थलओं में-
*[[पृथ्वीराज चौहान का क़िला हिसार|पृथ्वीराज चौहान का क़िला]]
* दिल्ली के पास सूरजकुंड और बड़खल झील।
* सुल्तानपुर पक्षी विहार (सुल्तानुपर, गुड़गांव)।
* चीड़ वन के लिए प्रसिद्ध मोरनी हिल्स पर्यटकों की रुचि के कुछ अन्य केंद्र हैं।
{{हरियाणा के पर्यटन स्थल}}
==जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Srinagar-Kashmir.jpg|thumb|हाउसबोट, [[श्रीनगर]]]]
जम्मू और कश्मीर की पर्यटन सुविधाओं में काफ़ी सुधार किए गए हैं, यद्यपि सम्भावनाओं का अभी भी काफ़ी उपयोग करना शेष है। पर्यटन का लद्दाख पर महत्त्वपूर्ण सामाजिक - आर्थिक प्रभाव पड़ा है। यह 1970 तक बाहरी लोगों से सामान्यतः कटा रहा था। (1974 में 500 पर्यटक और 1992 में 16,018 पर्यटक) ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के अलावा पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र हैं -
*गुलमर्ग में आइस स्केटिंग केन्द्र, जो बारामूला के दक्षिण में पीर पंजाल श्रेणी में स्थित है और पहलगाम, जो लिद्दर नदी के किनारे स्थित है।
*गंधक के सोते, जो जोड़ों के दर्द और गठिया के रोगों के शीघ्र इलाज के लिए प्रसिद्ध हैं, लेह के निकट चुमथंग में और नोबरा व पूगा (चागथंग) में स्थित है, पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
*कश्‍मीर घाटी को पृथ्‍वी का स्‍वर्ग माना जाता है। कश्‍मीर घाटी में [[चश्मा शाही श्रीनगर|चश्‍मेशाही झरना]], शालीमार बाग, [[डल झील श्रीनगर|डल झील]], गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग और अमरनाथ की पर्वत गुफा तथा जम्‍मू के निकट वैष्‍णो देवी मंदिर, पटनी टाप और लद्दाख के बौद्ध मठ राज्‍य के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं। 15 सितंबर को लद्दाख महोत्‍सव तथा जून सिंधु दर्शन प्रसिद्ध त्‍योहार हैं।
{{जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थल}}
 
==झारखण्ड के पर्यटन स्थल==
झारखंड भी कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। इन्हीं में से एक स्थान है [[देवघर]]। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। लौहनगरी के रुप में विख्‍यात [[जमशेदपुर]] केवल झारखंड में नहीं, बल्कि पूरे विश्‍व पटल पर चर्चित है। इसे '''टाटानगर''' के भी नाम से जाना जाता है। पर्यटन की दृष्टि से टाटानगर का महत्‍व अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी है। इसे हाल में ही '''इंटरनेशनल क्‍लीन सिटी''' के अवार्ड से नवाजा गया है। झारखंड की राजधानी [[रांची]] में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा रांची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं।
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==पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Victoria-Memorial-Kolkata-2.jpg|thumb|200px|[[विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता|विक्टोरिया मेमोरियल]], [[कोलकाता]]]]
'''कोलकाता'''<br />
 
कोलकाता एक धार्मिक शहर है। यहाँ आपको हर ग‍ली में मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, यहूदी सभागार आदि मिल जाएँगे। इन मंदिरों और मस्जिदों के अलावा भी यहाँ देखने लायक बहुत कुछ है। यहाँ संग्रहालय, ऐतिहासिक भवन, आर्ट गैलरियाँ भी हैं जिन्‍हें आप देख सकते है। यह पश्चिम बंगाल का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है।
 
'''हावड़ा'''<br />
 
पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। पर्यटक स्थलों में [[हावड़ा ब्रिज]] पर्यटकों को आकर्षित करता है। हावड़ा ब्रिज के अतिरिक्त पर्यटक यहाँ पर हावड़ा स्टेशन, महान बरगद का पेड़, बेलूर मठ, गारचूमुक, पानीतरास-सम्ताबेर और विद्यासागर सेतु आदि देख सकते हैं, जो बहुत खूबसूरत हैं। यह अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।
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==गुजरात के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Somnath-Temple.jpg|thumb|150px|[[सोमनाथ ज्योतिर्लिंग|सोमनाथ मंदिर]], [[सौराष्ट्र]]]]
राज्य में [[द्वारका]], [[सोमनाथ ज्योतिर्लिंग|सोमनाथ]], पालीताना के निकट शत्रुंजय पहाड़ी, पावागढ़, अंबाजी भद्रेश्वर, शामलाजी, तरंगा और गिरनार जैसे धार्मिक स्थलों के अलावा [[महात्मा गाँधी]] की जन्मभूमि [[पोरबंदर]] तथा पुरातत्व और वास्तुकला की दृष्टि से उल्लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभेई, बाडनगर, मोधेरा, लाथल और [[अहमदाबाद]] जैसे स्थान भी हैं। अहमदपुर मांडती, चारबाड़ उभारत और तीथल के सुंदर समुद्री तट, सतपुड़ा पर्वतीय स्थल, गिर वनों के शेरों का अभयारण्य और कच्छ में जंगली गधों का अभयारण्य भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
{{गुजरात के पर्यटन स्थल}}
 
==तमिलनाडु के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Vivekananda-Rock-Memorial.jpg|thumb|150px|[[विवेकानन्द रॉक मेमोरियल]], [[कन्याकुमारी]]]]
[[चेन्नई]], ममल्लापुरम, पूंपुहार, [[कांचीपुरम]], कुंभकोनम, धारासुरम, चिदंबरम, तियअन्‍नामलै, श्रीरंगम, मदुरै, [[रामेश्वरम]], तिरूनेलवेली , [[कन्याकुमारी]], तंजावूर, वेलंकन्नी, नागूर चित्‍तान वसाल, कलुगुमलै (स्‍मारक केंद्र), कोर्टलम, होगेनक्‍कल, पापनाशम, सुरूली (जल-प्रपात), उटी (उटकमंडलम), कोडईकनाल, यरकाड, इलागिरि कोल्लिहिल्‍स (पर्वतीय स्‍थल), गुइंडी (चेन्नई), मुदुमलाई, अन्‍नामलाई, मुंदांथुरै, मदुरांतक, कालाकाड (वन्‍य जीवन अभयारण्‍य), वेदंथंगल तथा प्‍वाइंट केलिमियर (पक्षी अभयारण्‍य) और चेन्नई के समीप अरिगनर अन्‍ना चिडियाघर आदि पर्यटन की दृष्टि से कुछ महत्‍वपूर्ण स्‍थान हैं।
{{तमिलनाडु के पर्यटन स्थल}}
==पंजाब के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Jallianwalah-Bagh-Amritsar.jpg|150px|thumb|[[जलियाँवाला बाग़]], [[अमृतसर]]]]
पंजाब की पावन भूमि से संत भी पैदा हुए और ऐतिहासिक युद्ध भी हुए। पुरातत्व ज्ञान का यहाँ भंडार है। राज्य में पर्यटकों की रुचि के बहुत से स्थान हैं। इनमें [[अमृतसर]] का [[स्वर्णमंदिर]], दुर्गियाना मंदिर, [[जलियाँवाला बाग़]], स्टील सिटी- गोविन्दगढ़ में, आनंदपुर साहब में तख़्त श्री केशगढ़ साहब, खालसा सांस्कृतिक परिसर, भाखड़ा-नांगल बांध, [[पटियाला]] में क़िला अंदरून, मोतीबाग़ राजमहल, हरिके पट्टन में  आर्द्र भूमि, पुरातात्विक महत्व का संगोल और छतवीर चिडियाघर, आम ख़ास बाग़ में मुग़लकालीन स्मारक परिसर और सरहिंद में अफ़ग़ान शासकों की क़ब्रें और शेख़ अहमद का रोज़ा शरीफ, जालंधर में सोदाल मंदिर और महर्षि वाल्मीकि का स्मारक आदि मुख्य हैं।
{{पंजाब के पर्यटन स्थल}}
 
==मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Udaygiri-Caves-Vidisha-1.jpg|thumb|150px|[[उदयगिरि गुफ़ाएँ]], [[विदिशा]]]]
[[ग्वालियर]], मांडू, दतिया, चंदेरी, जबलपुर, ओरछा, रायसेन, सांची, विदिशा, उदयगिरि, भीमबेटका, इंदौर और [[भोपाल]] ऐतिहासिक महत्‍व के स्‍थल हैं। माहेश्‍वर, [[ओंकारश्वर ज्योतिर्लिंग|ओंकारेश्‍वर]], उज्‍जैन, चित्रकूट और अमरकंटक ऐसे स्‍थान हैं, जहां आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है। खजुराहो के मंदिर विश्‍व में अनूठे हैं। इसके अलावा ओरछा, भोजपुर  और उदयपुर के मंदिर इतिहास में रूचि रखने वाले लोगों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। सतना, सांची, [[विदिशा]], ग्‍वालियर, इंदौर, मंदसौर, [[उज्जैन]], राजगढ़, भोपाल, जबलपुर, रीवां और अन्‍य अनेक स्‍थानों के संग्रहालयों में पुरातत्‍वीय महत्‍व के भंडारों को संरक्षित रखा गया है।
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
 
==महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Ajanta-Caves-Aurangabad-Maharashtra-1.jpg|150px|thumb|अजंता की गुफाएं, [[महाराष्ट्र]]]]
प्राचीन [[महाजनपद|16 महाजनपदों]] में [[अश्मक महाजनपद|अश्मक]] या अस्सक का स्थान आधुनिक [[अहमदनगर]] के आसपास का माना जाता है। सम्राट [[अशोक]] के शिलालेख भी [[मुंबई]] के निकट पाए गए हैं। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर और नाशिक महाराष्ट्र के बडे शहरों में गिने जाते हैं। यहाँ के निवासियों की मातृभाषा मराठी है और यहाँ के लोगों को महाराष्ट्रीयन कहा जाता है। पहाड़ी नगरों में 'महाबलेश्वर' और 'माथेरान' काफ़ी प्रसिद्ध है। छुट्टियों के समय इन नगरों में बहुत ही भीड़ होती है और मौसम भी बहुत सुहावना होता है। यहाँ के महत्‍वपूर्ण पर्यटन केंद्र है [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]], [[एलोरा की गुफ़ाएं|एलोरा]], [[एलिफेंटा की गुफ़ाएं|एलिफेंटा]], कन्‍हेरी और कारला गुफाएं, महाबलेश्‍वर, माथेरन और पंचगनी, जवाहर, मालशेजघाट, अंबोली, चिकलधारा और पन्‍हाला पर्वतीय स्‍थल। पंढरपुर, नाशिक, शिरडी, नांदेड, औधानागनाथ, त्रयंबकेवर, तुलजापुर, गणपतिपुले, भीमशंकर, हरिहरेश्‍वर, शेगाव, कोल्‍हापुर, जेजुरी तथा अंबजोगई धार्मिक स्‍थान है।
 
{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
 
==केरल के पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Kovalam.jpg|thumb|[[कोवलम तट तिरुअनंतपुरम|कोवलम]], [[केरल]]]]
पर्यटन गतिविधियों के लिए [[केरल]] में स्‍थायी और सफल वृद्धि के लिए अपेक्षित वातावरण पहले से विद्यमान है। पर्यटन क्षेत्र के लिए महत्‍वपूर्ण तत्‍व है - प्राकृतिक सौंदर्य, सामान्‍य जलवायु, स्‍वच्‍छ पर्यावरण, मैत्री भाव वाले शांतिप्रिय लोग हैं जो सांस्‍कृतिक विविधता के प्रति बेहद सहिष्‍णु हैं और अनूठे पर्यावरण को निर्मित करने की क्षमता रखते हैं। केरल देश में सर्वप्रिय पर्यटन स्‍थल के रूप में उभरा है। समुद्र तट, गर्म मौसम, समुद्री झीलें, पर्वतीय स्‍थल, जल प्रपात, वन्‍य जीवन, आयुर्वेद, वर्ष भर त्‍योहार तथा विविध पेड़ पौधे केरल को पर्यटकों के लिए एक अनूठा गंतव्‍य स्‍थल बनाते हैं। पर्यटन विभाग, केरल पर्यटन विकास निगम, ज़िला पर्यटन संवर्द्धन परिषद, बेकल पर्यटन विकास निगम, स्‍थानीय प्रशासनों तथा निजी क्षेत्र की पर्यटन में महत्‍वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में जो मुख्‍य क्षेत्र विकास के लिए देखे जा रहे है: वे हैं ग्रामीण पर्यटन, माइस पर्यटन (एम.आई.सी.ई - मीटिंग, इंसेंटिव, कन्‍वेंशस तथा इवेंट्स/एक्‍सीबीशन ट्रेड शोज़) यानी - बैठक, प्रोत्‍साहन, सम्‍मेलन और प्रदर्शनियां/व्‍यापार प्रदर्शनियां, सांस्‍कृतिक पर्यटन, विरासत पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन तथा चिकित्‍सा पर्यटन।
{{केरल के पर्यटन स्थल}} 
[[Category:पर्यटन कोश]]
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07:17, 3 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

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