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|अन्य विवरण=बरसाने में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बरसाना में लट्ठमार होली की | |अन्य विवरण=बरसाने में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बरसाना में लट्ठमार होली की शुरूआत सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। तब से बरसाना में यह परंपरा यूं ही निभाई जा रही है, जिसके अनुसार [[बसंत पंचमी]] के दिन मंदिर में होली का डांढ़ा गड़ जाने के बाद हर शाम गोस्वामी समाज के लोग [[धमार]] गायन करते हैं। | ||
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12:49, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
विवरण (Description) | होली, राधा रानी मंदिर, बरसाना Holi, Radha Rani Temple, Barsana |
दिनांक (Date) | वर्ष - 2010 |
प्रयोग अनुमति (Permission) | © brajdiscovery.org |
अन्य विवरण | बरसाने में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बरसाना में लट्ठमार होली की शुरूआत सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। तब से बरसाना में यह परंपरा यूं ही निभाई जा रही है, जिसके अनुसार बसंत पंचमी के दिन मंदिर में होली का डांढ़ा गड़ जाने के बाद हर शाम गोस्वामी समाज के लोग धमार गायन करते हैं। |
चित्र का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 12:22, 28 फ़रवरी 2011 | 3,000 × 2,008 (2.42 MB) | व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) |
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