"साँचा:सूक्ति और कहावत-10": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
|-</noinclude>
|-</noinclude>
| class="headbg4" style="border:1px solid #AE9F93;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;  " valign="top" |  <div style="padding-left:8px; background:#d9d9d5; border:thin solid #c7c7bc;">'''[[सूक्ति और कहावत]]'''</div>
| class="headbg4" style="border:1px solid #AE9F93;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;  " valign="top" |  <div style="padding-left:8px; background:#d9d9d5; border:thin solid #AE9F93;">'''[[सूक्ति और कहावत]]'''</div>
{{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}}
{{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}}
<noinclude>|} [[Category:सूक्ति और कहावत के साँचे]]</noinclude>
<noinclude>|} [[Category:सूक्ति और कहावत के साँचे]]</noinclude>

07:49, 5 मई 2011 के समय का अवतरण

  • गंगा की पवित्रता में कोई विश्वास नहीं करने जाता। गंगा के निकट पहुँच जाने पर अनायास, वह विश्वास पता नहीं कहाँ से आ जाता है। -लक्ष्मीनारायण मिश्र (गरुड़ध्वज, पृ. 79)
  • पृथ्वी में कुआं जितना ही गहरा खुदेगा, उतना ही अधिक जल निकलेगा । वैसे ही मानव की जितनी अधिक शिक्षा होगी, उतनी ही तीव्र बुद्धि बनेगी। -तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 396) .... और पढ़ें