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|हिन्दी=लघु होने की अवस्था, भाव, छोटा करना या संक्षिप्त करना, शरीर आदि का हल्कापन, फुर्तीलापन, जल्दी या फुरती से और सहज में, नीरोगता, हाथ की चालाकी या | |हिन्दी=लघु होने की अवस्था, भाव, छोटा करना या संक्षिप्त करना, शरीर आदि का हल्कापन, फुर्तीलापन, जल्दी या फुरती से और सहज में, नीरोगता, हाथ की चालाकी या सफ़ाई। | ||
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गुरुहिं प्रनाम मन हि मन किन्हा। अति '''लाघव''' उठाइ धनु लिन्हा॥</poem> | |||
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13:35, 7 मई 2011 के समय का अवतरण
हिन्दी | लघु होने की अवस्था, भाव, छोटा करना या संक्षिप्त करना, शरीर आदि का हल्कापन, फुर्तीलापन, जल्दी या फुरती से और सहज में, नीरोगता, हाथ की चालाकी या सफ़ाई। |
-व्याकरण | पुल्लिंग |
-उदाहरण | सुनि गुरु बचन चरन सिर नावा। हर्ष विषादु न कछु उर आवा। |
-विशेष | |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | सक्रियता, लपक, फुर्ती, प्रफुल्लता, ताज़गी, तेजस्विता। |
संस्कृत | [लघु+अण्] |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | लाघवकारी, लाघविक, लाघवी |
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