"अजगर करे ना चाकरी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
दास मलूका कह गए सब के दाता राम{{blueclose}}</poem>
दास मलूका कह गए सब के दाता राम{{blueclose}}</poem>
*यह [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] एक प्रचलित कहावत है।   
*यह [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] एक प्रचलित कहावत है।   
*अर्थ- अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है।
*अर्थ- अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री [[मलूकदास]] जी का ये कथन बहुत ही उचित है।


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}

10:26, 19 जून 2011 के समय का अवतरण

अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम,
दास मलूका कह गए सब के दाता राम

  • यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
  • अर्थ- अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ