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| =बेतिया बिहार=
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| प्राचीन समय में सारण ज़िले में रहे पश्चिम चम्पारण को 1972 में पूर्ण रुप से ज़िला बना दिया गया। पश्चिम चम्पारण का मुख्यालय बेतिया को बना दिया गया। स्वतंत्रता से पहले सन 1917 में नील की खेती के विरोध में स्थानीय निवासी राजकुमार शुक्ल के आमंत्रण पर महात्मा गांधी ने 'चम्पारण आंदोलन' का प्रारम्भ यहीं से किया था। राजधानी पटना से 204 किमी. दूर इस ज़िले में पर्यटन के लिए बहुत से स्थान हैं-
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| ==पर्यटन स्थल==
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| *[[वाल्मीकि नगर बिहार|वाल्मीकि नगर]]
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| *[[त्रिवेणी बिहार|त्रिवेणी]]
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| *[[भितीहरवा आश्रम बिहार|भितीहरवा आश्रम]]
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| *[[भिखनातोहरी बिहार|भिखनातोहरी]]
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| *[[सुमेश्वर किला बिहार|सुमेश्वर किला]]
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| *[[वृदांवन बिहार|वृदांवन]]
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| *[[अशोक स्तम्भ बिहार|अशोक स्तम्भ]]
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| ===अन्य पर्यटन स्थल===
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| इसके अलावा पर्यटक नंदनगढ़, बावनग्रही, चनकीगढ, सरैया मन जैसे जगह भी घूम सकते है।
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| ==यातायात व परिवहन==
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| वायु मार्ग- यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा 204 किमी. की दूरी [[पटना]] में है।
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| रेल मार्ग- [[बेतिया]] यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जहां से भारत के अधिकांश शहरों के लिए ट्रेन उपलब्ध है।
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| सड़क मार्ग- यहां से राजधानी पटना के अलावा और भी जगहों के लिए बसें खुलती है।
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