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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{सामान्य ज्ञान नोट}}
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>
{[[मुग़ल काल|मुग़लकालीन]] शासकों में किस शासक के काल को 'चित्रकारी का स्वर्णकाल' कहा जाता है?
|type="()"}
-[[अकबर]]
+[[जहाँगीर]]
-[[शाहजहाँ]]
-[[औरंगज़ेब]]
||[[चित्र:Jahangir.jpg|100px|right|[[जहाँगीर]]]] जहाँगीर का जन्म [[30 अगस्त]], सन 1569 ई. को [[फ़तेहपुर सीकरी]] में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके पिता सम्राट [[अकबर]] ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवनपर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात जहाँगीर ही [[मुग़ल]] सम्राट बना।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]] 


{[[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल चित्रकला शैली]] की विशेषता है?
|type="()"}
-युद्ध दृश्य
-पशु-पक्षी और प्राकृतिक दृश्य
-दरबारी चित्रण
+उपर्युक्त सभी
{जैमिनी राय ने [[कला]] के किस क्षेत्र में नाम कमाया?
|type="()"}
-मूर्तिकला
-[[संगीत]]
+[[चित्रकला]]
-नाट्य कला
||[[चित्र:Radha-Krishna.jpg|80px|right|[[राधा]]-[[कृष्ण]], द्वारा- [[राजा रवि वर्मा]]]]आत्माभिव्यक्ति मानव की प्राकृतिक प्रवृति है। अपने अंदर के भाव प्रकट किए बिना वह रह नहीं सकता और भावों का आधार होता है, मनुष्य का परिवेश। विद्वानों की मान्यता है कि आदिम काल में जब [[भाषा]] और लिपि-चिन्हों का आविर्भाव नहीं हुआ था, रेखाओं के संकेत से ही व्यक्ति स्वयं को अभिव्यक्त करता था। गुफाओं के अंदर आज जो शिलाचित्र मिलते हैं, वे ही चित्रकला के आदि प्रमाण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्रकला]] 
{[[मुग़ल काल]] में मंसूर कौन था?
|type="()"}
-कवि
-वास्तुकार
+चित्रकार
-सूफी संत
{[[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा चित्रकला शैली]] का संबंध किस राज्य से हैं?
|type="()"}
-[[राजस्थान]]
+[[हिमाचल प्रदेश]]
-[[जम्मू और कश्मीर]]
-[[पंजाब]]
||[[चित्र:Viceregal-Lodge-Shimla.jpg|right|80px|विसिरेजल लॉज, [[शिमला]]]] हिमाचल प्रदेश पश्चिमी [[भारत]] में स्थित राज्य है। यह उत्तर में [[जम्मू और कश्मीर]], पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में [[हरियाणा]] एवं [[उत्तर प्रदेश]], दक्षिण-पूर्व में [[उत्तराखंड]] तथा पूर्व में [[तिब्बत]] से घिरा है। 'हिमाचल' प्रदेश का शाब्दिक अर्थ 'बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल' है। हिमाचल प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिमाचल प्रदेश]] 
{'उमा की तपस्या', 'शिव पार्वती', 'बसंत', 'प्रणाम' आदि किस प्रतिभाशाली चित्रकार की उत्कृष्ट कृतियाँ है?
|type="()"}
+नन्दलाल बोस
-जैमिनी राय
-सतीश गुजराल
-एम.एफ. हुसैन
{'एलीफैण्ट्स बाथिंग इन ग्रीन पुल' निम्नलिखित में से किस चित्रकार की चर्चित कृति है?
|type="()"}
-एम. एफ. हुसैन
-सतीश गुजराल
+अमृता शेरगिल
-विकास भट्टाचार्या
{'[[दुष्यंत]] को प्रेम-पत्र लिखती शकुंतला' का चित्रण किसने किया है?
|type="()"}
-नन्दलाल बोस
-जैमिनी राय
+[[राजा रवि वर्मा]]
-सतीश गुजराल
||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|80px|[[राजा रवि वर्मा]]]] राजा रवि वर्मा (जन्म- 1848; मृत्यु- [[1906]]) [[केरल]] प्रदेश के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय [[साहित्य]] और [[संस्कृति]] के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] महाकाव्यों और [[धर्म]] ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्‍तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]] 
{मधुबनी चित्रकला शैली का सम्बन्ध किस राज्य से है?
|type="()"}
-[[उत्तर प्रदेश]]
-[[मध्य प्रदेश]]
-[[पश्चिम बंगाल]]
+[[बिहार]]
||[[चित्र:Vaishali-Bihar.jpg|right|100px|[[वैशाली]], [[बिहार]]]] बिहार का उल्‍लेख [[वेद|वेदों]], [[पुराण|पुराणों]] और प्राचीन महाकाव्‍यों में मिलता है। यह राज्‍य महात्‍मा [[बुद्ध]] और 24 जैन [[तीर्थंकर|तीर्थकरों]] की कर्मभूमि रहा हैं। ईसा पूर्व काल में इस क्षेत्र पर [[बिम्बिसार]], [[पाटलिपुत्र]] की स्‍थापना करने वाले उदयन, [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] और [[अशोक|सम्राट अशोक]] सहित मौर्य, शुंग तथा कण्‍व राजवंश के नरेशों ने राज किया। इसके पश्‍चात कुषाण शासकों का समय आया और बाद में [[गुप्‍त वंश]] के [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य]] ने बिहार पर राज किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिहार]] 
{निम्नलिखित में से किसके शासनकाल में [[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल चित्रकला]] शिखर पर पहुँच चुकी थी?
|type="()"}
-[[अकबर]]
+[[जहाँगीर]]
-[[शाहजहाँ]]
-[[औरंगज़ेब]]
||[[चित्र:Jahangir.jpg|100px|right|[[जहाँगीर]]]] जहाँगीर का जन्म [[30 अगस्त]], सन 1569 ई. को [[फ़तेहपुर सीकरी]] में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके पिता सम्राट [[अकबर]] ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवनपर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात जहाँगीर ही [[मुग़ल]] सम्राट बना।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]] 
{किसने पेंटिंग की शुरुआत फ़िल्म के पोस्टरों से की?
|type="()"}
-सतीश गुजराल
-पाब्लो पिकाणे
+एम. एफ. हुसैन
-लियोनार्दो द विंची
{बनी-ठनी किस चित्रशैली से सम्बन्धित है?
|type="()"}
-[[चित्रकला राजपूत शैली#बूँदी शैली|बूँदी शैली]]
+[[चित्रकला राजपूत शैली#किशनगढ़ शैली|किशनगढ़ शैली]]
-चावण्ड शैली
-[[चित्रकला राजपूत शैली#जयपुर शैली|जयपुर शैली]] 
{[[भारत]] की प्राचीन कला परम्पराओं को पुनर्जीवित करने के लिए 'इण्डियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्ट' की स्थापना की थी?
|type="()"}
+[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अवनीन्द्र नाथ टैगोर]] ने
-नन्द लाल बोस ने
-असित कुमार हलधर ने
-अमृता शेरगिल ने
{मधुबनी लोक [[कला]] किस राज्य से सम्बन्धित है?
|type="()"}
-[[ओड़िशा]]
-[[पश्चिम बंगाल]]
+[[बिहार]]
-[[राजस्थान]]
||[[चित्र:Vaishali-Bihar.jpg|right|100px|[[वैशाली]], [[बिहार]]]] बिहार का उल्‍लेख [[वेद|वेदों]], [[पुराण|पुराणों]] और प्राचीन महाकाव्‍यों में मिलता है। यह राज्‍य महात्‍मा [[बुद्ध]] और 24 जैन [[तीर्थंकर|तीर्थकरों]] की कर्मभूमि रहा हैं। ईसा पूर्व काल में इस क्षेत्र पर [[बिम्बिसार]], [[पाटलिपुत्र]] की स्‍थापना करने वाले उदयन, [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] और [[अशोक|सम्राट अशोक]] सहित मौर्य, शुंग तथा कण्‍व राजवंश के नरेशों ने राज किया इसके पश्‍चात कुषाण शासकों का समय आया और बाद में [[गुप्‍त वंश]] के [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य]] ने बिहार पर राज किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिहार]] 
{राजस्थानी विचार धारा की [[चित्रकला]] का आरम्भिक मुख्य केन्द्र था?
|type="()"}
-[[बीकानेर]]
-[[जयपुर]]
+[[बूँदी]]
-[[जैसलमेर]]
||[[राजस्थान]] के दक्षिण-पूर्व में स्थित बूँदी एक पूर्व रियासत एवं ज़िला मुख्यालय है। इसकी स्थापना सन 1242 ई. में राव देवाजी ने की थी। बूँदी पहाड़ियों से घिरा सघन वनाच्छादित सुरम्य नगर है। यहाँ के शासक राव सुर्जन हाड़ा ने [[अकबर]] की अधीनता स्वीकार कर ली थी। [[शाहजहाँ]] के समय बूँदी के शासक [[छत्रसाल]] हाड़ा ने [[दारा शिकोह|दारा]] की ओर से धरमत की लड़ाई में भाग लिया था, किंतु वह इस युद्ध में मारा गया। बूँदी अपनी विशिष्ट [[चित्रकला]] शैली के लिए विख्यात है, जो इस अंचल में मध्यकाल में विकसित हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बूँदी]] 
{[[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]] किसके लिए प्रसिद्ध है?
|type="()"}
+गुफ़ाओं के शैलचित्र
-खनिज
-बौद्ध प्रतिमाएँ
-सोन नदी का उदगम स्थल
{गन्धार शैली की मूर्तिकला में [[बुद्ध]] का [[सारनाथ]] में हुए प्रथम धर्मोपदेश से सम्बद्ध प्रवचन मुद्रा का नाम है?
|type="()"}
-अभय
-ध्यान
+धर्मचक्र
-भूमि स्पर्श
{[[चित्रकला]] की [[मुग़ल]] [[कला]] भारतीय लघु चित्रकला की रीढ़ है। निम्नलिखित में से किस कला पर [[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल चित्रकला]] का प्रभाव नहीं पड़ा?
|type="()"}
- [[चित्रकला पहाड़ी शैली|पहाड़ी]]
- राजस्थानी
- [[चित्रकला पहाड़ी शैली#कांगड़ा शैली|कांगड़ा शैली]]
+ कालीघाट
{निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक सही सुमेलित है?
|type="()"}
-[[हड़प्पा सभ्यता]] -चित्रित धूसर मृदभांड
+[[कुषाण]] -गन्धार कला शैली
-[[मुग़ल]] - [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता चित्रकारी]]
-[[मराठा]] -[[चित्रकला पहाड़ी शैली|पहाड़ी]]
{[[भारत]] में किस शिलाश्रय से सर्वाधिक चित्र प्राप्त हुए हैं?
|type="()"}
-घघरिया
+[[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]]
-लेखाहिया
-आदमगढ़
||[[चित्र:Bhimbetka-Caves-Bhopal.jpg|right|100px|भीमबेटका गुफ़ाएँ, [[भोपाल]]]] [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] प्रान्त के रायसेन ज़िले में स्थित है। [[भोपाल]] से 46 किलोमीटर दूर पर दक्षिण में भीमबेटका की गुफ़ाएँ मौज़ूद हैं। यह गुफ़ाएँ चारों तरफ से [[विंध्य पर्वतमाला|विंध्य पर्वतमालाओं]] से घिरी हुईं हैं, जिनका संबंध नवपाषाण काल से है। भीमबेटका गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं। इसके दक्षिण में [[सतपुड़ा की पहाड़ियाँ]] आरम्भ हो जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]] 
{[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]] किसलिए प्रसिद्ध है?
|type="()"}
+कलात्मक चित्रकारी
-गुफ़ा
-नक़्क़ाशी मेहराब
-इनमें से कोई नहीं
{निम्नलिखित गुफ़ाओं में से सबसे पुराने चित्र किस गुफ़ा में हैं?
|type="()"}
-[[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]]
+[[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा]]
-[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]]
-चित्तनवासल
||[[चित्र:Ellora-Caves-Aurangabad-Maharashtra-3.jpg|right|100px|एलोरा की गुफ़ाएं, [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]]]] [[महाराष्ट्र]] में [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] और एलोरा की गुफ़ाएं [[बौद्ध धर्म]] द्वारा प्रेरित और उनकी करुणामय भावनाओं से भरी हुई शिल्‍पकला और [[चित्रकला]] से ओतप्रोत है जो मानवीय इतिहास में [[कला]] के उत्‍कृष्‍ट ज्ञान और अनमोल समय को दर्शाती हैं। एलोरा या एल्लोरा (मूल नाम वेरुल) एक पुरातात्विक स्थल है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा]] 
{मूर्तिकला की गन्धार स्कूल शैली निम्न शैलियों में से किसका सम्मिश्रण था?
|type="()"}
+भारतीय एवं ग्रीक शैलियों का
-भारतीय एवं पर्शियन शैलियों का
-मूल रूप से शुद्ध भारतीय
-भारतीय एवं दक्षिण पूर्व एशियाई शैली का
{[[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता गुफ़ाओं]] में मूर्तियाँ दर्शाती हैं?
|type="()"}
-विभिन्न मुद्राओं में भगवान [[शिव]]
-भगवान [[बुद्ध]] व उनका जीवन वृत
-भगवान [[महावीर]]
+उपरोक्त सभी
{[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]] चित्रकारी किस काल से सम्बन्धित है?
|type="()"}
-हड़प्पा काल
-[[मौर्य काल]]
+बौद्ध काल
-गुप्त काल
</quiz>
|}
|}
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{प्रचार}}
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
__INDEX__
__NOTOC__

06:51, 26 जून 2011 के समय का अवतरण