"कणिका": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{शब्द संदर्भ लघु | {{शब्द संदर्भ लघु | ||
|हिन्दी=किसी | |हिन्दी=किसी चीज़ का बहुत ही छोटा कण, कनी, बूँद, शरीर-शास्त्र में, [[रक्त]] में तैरने वाले एक विशेष प्रकार के बहुत छोटे कण, जो [[लाल रंग]] और [[सफ़ेद रंग]] के होते हैं और जिनके कुछ विशिष्ट कार्य होते हैं (कार्पसल), तिनका (चिकित्सा) जीवद्रव्य-[[कोशिका]] जो अन्य कोशिकाओं के [[प्रत्यक्ष]] सम्पर्क में नहीं आती और तरल या [[ठोस]] आधात्री (अ.मैट्रिक्स) में होती है। | ||
|व्याकरण=स्त्रीलिंग | |व्याकरण=स्त्रीलिंग | ||
|उदाहरण=दो कणिकाएँ गिरीं अश्रु की। | |उदाहरण=दो कणिकाएँ गिरीं अश्रु की।<ref>रामधारी सिंह दिनकर(रश्मि, 2/58</ref> | ||
|विशेष= | |विशेष= | ||
|विलोम= | |विलोम= | ||
|पर्यायवाची=कनका, कनी, कण, रवा, अणु, कन रेज़ा। | |पर्यायवाची=कनका, कनी, कण, रवा, अणु, कन, रेज़ा। | ||
|संस्कृत=कण+ठन्+टाप् | |संस्कृत=कण+ठन्+टाप् | ||
|अन्य ग्रंथ= | |अन्य ग्रंथ= |
12:43, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
हिन्दी | किसी चीज़ का बहुत ही छोटा कण, कनी, बूँद, शरीर-शास्त्र में, रक्त में तैरने वाले एक विशेष प्रकार के बहुत छोटे कण, जो लाल रंग और सफ़ेद रंग के होते हैं और जिनके कुछ विशिष्ट कार्य होते हैं (कार्पसल), तिनका (चिकित्सा) जीवद्रव्य-कोशिका जो अन्य कोशिकाओं के प्रत्यक्ष सम्पर्क में नहीं आती और तरल या ठोस आधात्री (अ.मैट्रिक्स) में होती है। |
-व्याकरण | स्त्रीलिंग |
-उदाहरण | दो कणिकाएँ गिरीं अश्रु की।[1] |
-विशेष | |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | कनका, कनी, कण, रवा, अणु, कन, रेज़ा। |
संस्कृत | कण+ठन्+टाप् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | कणिक |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रामधारी सिंह दिनकर(रश्मि, 2/58