"शौरसेन": अवतरणों में अंतर
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*यहाँ बोली जाने वाली भाषा [[शौरसेनी]] कहलाती थी। | *यहाँ बोली जाने वाली भाषा [[शौरसेनी]] कहलाती थी। | ||
*यहाँ | *यहाँ शूरसेन नामक राजा का राज्य था। | ||
*बाद में [[जरासंध]] के बार-बार के आक्रमणों के कारण शौरसेनवासियों को अपना क्षेत्र छोड़कर दक्षिण दिशा में चले जाने को बाध्य होना पड़ा। | *बाद में [[जरासंध]] के बार-बार के आक्रमणों के कारण शौरसेनवासियों को अपना क्षेत्र छोड़कर दक्षिण दिशा में चले जाने को बाध्य होना पड़ा। | ||
*[[युधिष्ठिर]] के [[राजसूय यज्ञ]] के समय [[सहदेव]] ने इन्हें पराजित किया था। | *[[युधिष्ठिर]] के [[राजसूय यज्ञ]] के समय [[सहदेव]] ने इन्हें पराजित किया था। | ||
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10:09, 9 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
मुख्य लेख : शूरसेन
- महाभारत के अनुसार आधुनिक ब्रजमंडल का प्राचीन नाम शौरसेन था।
- यहाँ बोली जाने वाली भाषा शौरसेनी कहलाती थी।
- यहाँ शूरसेन नामक राजा का राज्य था।
- बाद में जरासंध के बार-बार के आक्रमणों के कारण शौरसेनवासियों को अपना क्षेत्र छोड़कर दक्षिण दिशा में चले जाने को बाध्य होना पड़ा।
- युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के समय सहदेव ने इन्हें पराजित किया था।