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| {{पुनरीक्षण}यह गीत प्रसिद्ध साहित्यकार [[जयशंकर प्रसाद]] के प्रसिद्ध संदर्भ "भारत महिमा" से लिया गया है।
| | #REDIRECT [[अरुण यह मधुमय देश हमारा -जयशंकर प्रसाद]] |
| <poem>अरुण यह मधुमय देश हमारा।
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| जहाँ पहुँच अनजान [[क्षितिज]] को मिलता एक सहारा।।
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| सरल तामरस गर्भ विभा पर, नाच रही तरुशिखा मनोहर।
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| छिटका जीवन हरियाली पर, मंगल कुंकुम सारा।।
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| लघु सुरधनु से पंख पसारे, शीतल मलय समीर सहारे।
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| उड़ते खग जिस ओर मुँह किए, समझ नीड़ निज प्यारा।।
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| बरसाती आँखों के बादल, बनते जहाँ भरे करुणा जल।
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| लहरें टकरातीं अनन्त की, पाकर जहाँ किनारा।।
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| हेम कुम्भ ले उषा सवेरे, भरती ढुलकाती सुख मेरे।
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| मंदिर ऊँघते रहते जब, जगकर रजनी भर तारा।।<ref>{{cite web |url=http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%A3_%E0%A4%AF%E0%A4%B9_%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%AF_%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6_%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE_/_%E0%A4%9C%E0%A4%AF%E0%A4%B6%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%B0_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6 |title=अरुण यह मधुमय देश हमारा / जयशंकर प्रसाद |accessmonthday=[[24 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कविता कोश |language=[[हिन्दी]] }}</ref></poem>
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| {{प्रचार}}
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| {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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| {{संदर्भ ग्रंथ}}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| ==बाहरी कड़ियाँ==
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| *[http://hindisahitya.mywebdunia.com/2008/12/26/1230288180000.html अरुण यह मधुमय देश हमारा]
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| [[Category:कविता]]
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