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| ==इतिहास==
| | *[[व्रतसागर]] |
| {| class="bharattable-green" width="100%"
| | *[[व्रतसमुच्चय]] |
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| | valign="top"|
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| <quiz display=simple>
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| {प्रथम गुप्त शासक जिसने 'परम भागवत' की उपाधि धारण की, वह कौन था?
| | *[[व्रतसार]] |
| |type="()"}
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| -चन्द्रगुप्त प्रथम
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| -[[समुद्रगुप्त]]
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| +[[चन्द्रगुप्त द्वितीय]]
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| -[[श्रीगुप्त]]
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| ||चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (राज 380-413) [[गुप्त राजवंश]] का राजा था। समस्त गुप्त राजाओं में [[समुद्रगुप्त]] का पुत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय सर्वाधिक शौर्य एवं वीरोचित गुणों से सम्पन्न था। उसे देव, देवगुप्त, देवराज, देवश्री, श्रीविक्रम, विक्रमादित्य, परमाभागवत्, नरेन्द्रचन्द्र, सिंहविक्रम, अजीत विक्रम आदि उपाधि धारण की थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]]
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| {'गीतगोविन्द' का रचयिता कौन था?
| | *[[व्रतविवेकभास्कर]] |
| |type="()"}
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| -धोयी
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| -गोवर्द्धनाचार्य
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| +जयदेव
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| -लक्ष्मण सेन
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| ||जयदेव बारहवीं सदी का महान [[संस्कृत]] कवि था। जो [[बंगाल]] के सेन शासक [[लक्ष्मण सेन]] का समकालीन था। इसका अमर ग्रंथ गीतगोविन्द है, जिसमें उसने [[राधा]] [[कृष्ण]] की भक्ति में अनेक गीत लिखे हैं।
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा शासक '[[पृथ्वीराज चौहान]]' के नाम से प्रसिद्ध है?
| | *[[व्रतसंग्रह]] |
| |type="()"}
| | *[[व्रतसंपात]] |
| -पृथ्वीराज प्रथम
| | *[[व्रताचार]] |
| -पृथ्वीराज द्वितीय
| | *[[व्रतार्क]] |
| +[[पृथ्वीराज तृतीय]]
| | *[[व्रतोद्यापन]] |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| | *[[व्रतोद्यापनकौमुदी]] |
| ||[[चौहान वंश]] का शासक पृथ्वीराज तृतीय को पृथ्वीराज चौहान के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त हुई, समकालीन मुस्लिम इतिहासकारों ने इसे 'राय पिथौरा' नाम से उल्लेख किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[पृथ्वीराज तृतीय]]
| | *[[व्रतोपवाससंग्रह]] |
| | | *[[व्रात्यप्रायश्चित्तनिर्णय]] |
| {[[चित्तौड़]] का कीर्तिस्तम्भ किसने बनवाया था?
| | *[[व्रात्यताशुद्धिसंग्रह]] |
| |type="()"}
| | *[[व्रात्यस्तोमपद्धति]] |
| -राणा सांगा
| | *[[शकुनार्णव]] |
| +राणा कुंभा
| | *[[शंकरगीता]] |
| -[[राणा प्रताप]]
| | *[[शंकुप्रतिष्ठा]] |
| -राणा उदय सिंह
| | *[[शंखचक्रधारणवाद]] |
| ||राणा कुम्भा [[मेवाड़]] के महान योद्धा व शासक थे। राणा कुम्भा ने [[मालवा]] विजय के उपलक्ष्य में [[चित्तौड़]] में कीर्तिस्तम्भ का निर्माण कराया। कुम्भा ने [[अचलगढ़ क़िला माउंट आबू|अचलगढ़]], [[कुम्भलगढ़]], सासबहू का मन्दिर, सूर्यमन्दिर का निर्माण कराया।
| | *[[शंखधरसमुच्चय]] |
| | | *[[शतचण्डीपद्धति]] |
| {निम्नलिखित युग्मों में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
| | *[[शतचण्डीप्रयोग]] |
| |type="()"}
| | *[[शतचण्डीविधानपद्धति]] |
| -[[बाबर]] - [[खानवा]] का युद्ध
| | *[[शतचण्डीसहस्त्रचण्डीप्रयोग]] |
| -[[हुमायूँ]] - चौसा खानवा का युद्ध
| | *[[शतद्वयी]] |
| -[[अकबर]]- [[हल्दीघाटी]] का युद्ध
| | *[[शतश्लोकी]] |
| +[[जहाँगीर]]- बल्ख का युद्ध
| | *[[शतानन्दसंग्रह]] |
| | | *[[शरदक्षस्मृति]] |
| {निम्नलिखित संगठनों में से किसने शुद्धि आन्दोलन का समर्थन किया?
| | *[[शाकटायनस्मृति]] |
| |type="()"}
| | *[[शाकलस्मृति]] |
| +[[आर्य समाज]]
| | *[[शांखायनगृह्यपरिशिष्ट]] |
| -देव समाज
| | *[[शांखायनगृह्यसंस्कारपद्धति]] |
| -[[ब्रह्म समाज]]
| | *[[शांखायनगृह्यसंस्कार]] |
| -[[प्रार्थना समाज]]
| | *[[शांखायनगृह्यसूत्र]] |
| ||1875 ई. में [[स्वामी दयानंद सरस्वती]] ने [[बम्बई]] में आर्य समाज की स्थापना की, इनके बचपन का नाम '''मूलशंकर''' था। आर्य समाज द्वारा शुद्धि आन्दोलन चलाया गया जिसके अंतर्गत [[हिन्दू धर्म]] का परित्याग कर अन्य धर्म अपनाने वाले लोगों के लिए पुन: धर्म में वापसी के द्वार खोल दिए गए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[आर्य समाज]]
| | *[[शांखायना]] |
| | | *[[शाण्डिल्यगृह्य]] |
| {मंगल पांडे कहाँ के विप्लव से जुड़े हैं?
| | *[[शाण्डिल्यधर्मशास्त्र]] |
| |type="()"}
| | *[[शाण्डिल्यस्मृति]] |
| +बैरकपुर
| | *[[शातातपस्मृति]] |
| -[[मेरठ]]
| | *[[शांतिकमलाकार]] |
| -[[दिल्ली]]
| | *[[शांतिकल्पदीपिका]] |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| | *[[शांतिकल्पप्रदीप]] |
| ||मंगल पांडे बैरकपुर छावनी में 34 वीं रेजीमेण्ट में तैनात एक सिपाही थे। [[29 मार्च]], 1857 ई. को कुछ सैनिकों ने मंगल पांडे के नेतृत्व में विद्रोह की शुरूआत की।
| | *[[शांतिकविधि]] |
| | | *[[शांतिकौमुदी]] |
| {[[महात्मा गाँधी]] धरसना नमक गोदाम पर कांग्रेस कार्य-कर्ताओं के धावे के समय कहाँ थे?
| | *[[शांतिगणपति]] |
| |type="()"}
| | *[[शांतिचिंतामणि]] |
| +यरवदा जेल में
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| -साबरमती जेल में
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| -आगा ख़ाँ पैलेस [[पूना]] में
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| -अहमदनगर फ़ोर्ट जेल में
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| {'इण्डिया डिवाइडेड' पुस्तक के लेखक थे?
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| |type="()"}
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| -[[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]]
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| +[[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]]
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| -नरेन्द्र देव
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| -आसफ अली
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| ||[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|100px|right|डॉ. राजेंद्र प्रसाद]]डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम [[राष्ट्रपति]] थे। [[बिहार]] प्रान्त के एक छोटे से गाँव जीरादेयू में [[3 दिसम्बर]], [[1884]] में राजेन्द्र प्रसाद का जन्म हुआ था।। राजेन्द्र प्रसाद प्रतिभाशाली और विद्वान व्यक्ति थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]]
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| {भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन का सरकारी इतिहासकार था?
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| |type="()"}
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| -आर.सी. मजूमदार
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| -[[वी. डी. सावरकर]]
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| -ताराचन्द्र
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| +एस. एन. सेन
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| ||भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन (1857) के सरकारी इतिहासकार डॉ. एस. एन. सेन थे। इन्होंने अपनी पुस्तक 'एट्टीन फिफ्टी सेवन' में विचार व्यक्त किया कि "जो कुछ [[धर्म]] के लिए लड़ाई के रूप में शुरू हुआ, वह स्वतंत्रता संग्राम के रूप में समाप्त हुआ।"
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| {निम्नलिखित में से कौन भक्ति आन्दोलन का प्रस्तावक नहीं था?
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| |type="()"}
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| +[[नागार्जुन]]
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| -[[तुकाराम]]
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| -त्यागराज
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| -[[वल्लभाचार्य]]
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| ||नागार्जुन कनिष्क के समय का विख्यात विद्वान था तथा उच्चकोटि का दार्शनिक भी था। यह पहला विद्वान था जिसने महायान धर्म के बारे में लिखा। शून्यवाद का प्रतिपादन भी इसी विद्वान ने किया 'माध्यमिक सूत्र' तथा 'परजनापारमित्र' सूत्र रचनाएँ विशेष उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[नागार्जुन]]
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| {बोध गया में 'बोधि वृक्ष' अपने वंश की किस पीढ़ी का है?
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| |type="()"}
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| -तृतीय
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| -चतुर्थ
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| -पंचम
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| +षष्ठम
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| ||बोध गया में 'बोधि वृक्ष' [[गौतम बुद्ध]] के जन्म के बाद छठी पीढ़ी का है।
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| {विश्व का सबसे ऊँचा कहा जाने वाला विश्व शांति स्तूप [[बिहार]] में कहाँ है?
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| |type="()"}
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| -[[वैशाली]]
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| -[[नालन्दा]]
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| +[[राजगीर]]
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| -[[पटना]]
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| ||[[गौतम बुद्ध]] से सम्बन्धित विश्व का सबसे ऊँचा स्तूप जिसे विश्व शांति स्तूप कहा जाता है, राजगीर में स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[राजगीर]]
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| {'नव नालन्दा महाविहार' किसके लिये विख्यात है?
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| |type="()"}
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| +ह्वेन त्सांग स्मारक
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| -[[महावीर]] का जन्मस्थान
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| -पालि अनुसंधान संस्थान
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| -संग्रहालय
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| ||ह्वेन त्सांग एक चीनी यात्री था, जो हर्ष के कार्यकाल में [[भारत]] आया था। इसी की याद में [[बिहार]] राज्य में नव नालन्दा महाविहार का निर्माण किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ह्वेन त्सांग]]
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| {[[अशोक]] के ब्राह्मी अभिलेखों को सर्वप्रथम किसने पढ़ा था?
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| |type="()"}
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| -एस. आर. गोयल
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| +प्रिंसेप
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| -एच. डी. साँकलिया
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| -वी. एन. मिश्रा
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| ||1750 में टीफेंथैलर ने सबसे पहले [[दिल्ली]] में अशोक के स्तम्भ का पता लगाया, किंतु [[अशोक के अभिलेख|अशोक के अभिलेखों]] को सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप ने 1837 ई. में पढ़ा था।
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| {विश्व का पहला गणतंत्र [[वैशाली]] में किसके द्वारा स्थापित किया गया?
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| |type="()"}
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| -[[मौर्य वंश|मौर्य]]
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| -[[नंद वंश|नंद]]
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| -[[गुप्त वंश|गुप्त]]
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| +[[लिच्छवी]]
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| ||लिच्छवी में बुद्ध काल में लिच्छवियों का प्रसिद्ध गणराज्य था। यह गणराज्यों में सबसे पहला बड़ा और शक्तिशाली गणराज्य था। इसकी केन्द्रीय समिति में 7,707 राजा थे। यह [[जैन धर्म|जैन]] और [[बौद्ध धर्म]] का प्रमुख केन्द्र था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[लिच्छवी]]
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| {[[भारत]] में प्रथम रेलवे लाइन किस ब्रिटिश गवर्नर के समय बिछाई गई थी?
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| |type="()"}
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| +[[लॉर्ड डलहौज़ी]]
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| -[[लॉर्ड कर्ज़न]]
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| -लॉर्ड वेलेजली
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| -[[लॉर्ड लिटन]]
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| ||भारत में सर्वप्रथम रेल सेवा गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौज़ी के शासनकाल में [[मुम्बई]] से थाणे के बीच 1853 ई. में प्रारम्भ की गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[लॉर्ड डलहौज़ी]]
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| {[[1942]] के आन्दोलन में [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] को किस जेल में क़ैद रखा गया था?
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| |type="()"}
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| +बांकीपुर जेल
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| -हजारीबाग जेल
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| -कैम्प जेल
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| -[[भागलपुर]] जेल
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| ||[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|100px|right|डॉ. राजेंद्र प्रसाद]]1942 के '[[भारत]] छोड़ो आन्दोलन' के दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद को गिरफ़्तार कर बांकीपुर जेल ([[पटना]]) में रखा गया था। डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम [[राष्ट्रपति]] थे। [[बिहार]] प्रान्त के एक छोटे से गाँव जीरादेयू में [[3 दिसम्बर]], [[1884]] में राजेन्द्र प्रसाद का जन्म हुआ था।। राजेन्द्र प्रसाद प्रतिभाशाली और विद्वान व्यक्ति थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]]
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| {रंगपुर जहाँ हड़प्पा की समकालीन सभ्यता थी?
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| |type="()"}
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| -[[पंजाब]] में
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| -[[उत्तर प्रदेश]] में
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| +[[सौराष्ट्र]] में
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| -[[राजस्थान]] में
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| {प्रारंभिक [[आर्य|आर्यों]] के बारे में निम्न कथनों में से कौन-सा सही नही है?
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| |type="()"}
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| -वे [[संस्कृत]] बोलने वाले थे
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| -वे घुड़सवारी किया करते थे
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| -वे कई झुण्डों में [[भारत]] पहुँचे
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| +वे मुख्यत: नगरों में निवास करते थे
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| {किस शासक ने [[अवंति]] को जीतकर [[मगध]] का हिस्सा बना दिया?
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| |type="()"}
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| -[[अजातशत्रु]]
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| -[[बिम्बिसार
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| ]]
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| +शिशुनाग
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| -महापद्यनंद
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| {किसे एशिया की रोशनी कहा जाता है?
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| |type="()"}
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| -[[महात्मा गाँधी]]
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| +[[गौतम बुद्ध]]
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| -माओत्से तुंग
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| -[[अकबर]]
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| ||[[चित्र:Buddha-Statue-Bodhgaya-Bihar-2.jpg|100px|right|बुद्ध प्रतिमा, बोधगया, बिहार]]गौतम बुद्ध का नाम सिद्धार्थ था। सिंहली, अनुश्रुति, खारवेल के अभिलेख, [[अशोक]] के सिंहासनारोहण की तिथि, कैण्टन के अभिलेख आदि के आधार पर महात्मा बुद्ध की जन्म तिथि 563 ई. पूर्व स्वीकार की गयी है। इनका जन्म शाक्यवंश के राजा [[शुद्धोदन]] की रानी महामाया के गर्भ से [[लुम्बिनी]] में माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गौतम बुद्ध]]
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| {केवल वह स्तम्भ जिसमें [[अशोक]] ने स्वयं को [[मगध]] का सम्राट बताया है?
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| |type="()"}
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| -मस्की का लघु स्तम्भ
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| -रुम्मिनदई स्तम्भ
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| -क्वीन स्तम्भ
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| +भाब्रू स्तम्भ
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| {सर्वप्रथम [[रोम]] के साथ किन लोगों का व्यापार प्रारंभ हुआ?
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| |type="()"}
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| -[[कुषाण वंश|कुषाणों]]
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| का
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| +तमिलों एवं चेरों का
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| -[[वाकाटक वंश|वाकाटकों]]
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| -शकों का
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| {'तमिल काव्य का इलियड' कहा जाता है?
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| |type="()"}
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| -तोल्लकप्पियम
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| -कुरल
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| +शिलप्पदिकारम्
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| -मणिमेकलई
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| </quiz>
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