"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास5": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
*[[व्रतसागर]]
{| class="bharattable-green" width="100%"
*[[व्रतसमुच्चय]]
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>


{हड़प्पावासी किस वस्तु के उत्पादन में सर्वप्रथम थे?
*[[व्रतसार]]
|type="()"}
-मुद्राएँ
-कांसे के औजार
+[[कपास]]
-जौ


{[[महावीर]] ने जैन संघ की स्थापना कहाँ की थी?
*[[व्रतविवेकभास्कर]]
|type="()"}
-[[कुण्डग्राम]]
-[[वैशाली]]
+पावा
-[[वाराणसी]]


{[[मौर्य काल]] में शिक्षा का केन्द्र था?
*[[व्रतसंग्रह]]
|type="()"}
*[[व्रतसंपात]]
-[[वैशाली]]
*[[व्रताचार]]
-[[नालंदा]]
*[[व्रतार्क]]
+[[तक्षशिला]]
*[[व्रतोद्यापन]]
-[[उज्जैन]]
*[[व्रतोद्यापनकौमुदी]]
||[[चित्र:Taxila.jpg|तक्षशिला के अवशेष|100px|right]]'''तक्षशिला''' [[गांधार]] देश की राजधानी थी। यों तो गांधार की चर्चा [[ऋग्वेद]] से ही मिलती है, किंतु तक्षशिला की जानकारी सर्वप्रथम [[वाल्मीकि रामायण]] से होती है। [[अयोध्या]] के राजा [[राम]] की विजयों के उल्लेख के सिलसिले में हमें यह ज्ञात होता है कि उनके छोटे भाई [[भरत]] ने अपने नाना केकयराज अश्वपति के आमंत्रण और उनकी सहायता से गंधर्वों के देश (गांधार) को जीता और अपने दो पुत्रों को वहाँ का शासक नियुक्त किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तक्षशिला]]
*[[व्रतोपवाससंग्रह]]
 
*[[व्रात्यप्रायश्चित्तनिर्णय]]
{[[मौर्य काल]] में गुप्तचरों को क्या कहा जाता था?
*[[व्रात्यताशुद्धिसंग्रह]]
|type="()"}
*[[व्रात्यस्तोमपद्धति]]
+गूढ़ पुरुष
*[[शकुनार्णव]]
-गुप्तचर
*[[शंकरगीता]]
-संस्था एवं संचार
*[[शंकुप्रतिष्ठा]]
-खोजी
*[[शंखचक्रधारणवाद]]
 
*[[शंखधरसमुच्चय]]  
{[[अशोक]] के बारे में जानने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है?
*[[शतचण्डीपद्धति]]
|type="()"}
*[[शतचण्डीप्रयोग]]
-आहत मुद्रा
*[[शतचण्डीविधानपद्धति]]
-यूनानी लेख
*[[शतचण्डीसहस्त्रचण्डीप्रयोग]]
+शिलालेख
*[[शतद्वयी]]  
-बौद्ध-साहित्य
*[[शतश्लोकी]]
 
*[[शतानन्दसंग्रह]]  
{निम्नलिखित में से कौन-सा शहर [[चोल]] राजाओं की राजधानी था?
*[[शरदक्षस्मृति]]  
|type="()"}
*[[शाकटायनस्मृति]]  
-[[सांची]]
*[[शाकलस्मृति]]  
+[[तंजौर]]
*[[शांखायनगृह्यपरिशिष्ट]]  
- [[मदुरै]]
*[[शांखायनगृह्यसंस्कारपद्धति]]
-त्रिचिरापल्ली
*[[शांखायनगृह्यसंस्कार]]  
||[[चित्र:Brihadeeshwara-Temple-Tanjore.jpg|बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर|100px|right]][[तमिलनाडु]] के पूर्वी मध्यकाल में तंजौर या तंजावूर नगरी चोल साम्राज्य की राजधानी के रूप में काफ़ी विख्यात थी। तंजौर को मन्दिरों की नगरी कहना उपयुक्त होगा क्योंकि यहाँ पर 75 छोटे-बड़े मन्दिर हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तंजौर]]  
*[[शांखायनगृह्यसूत्र]]
 
*[[शांखायना]]
{निम्न में से किस [[संगीत]] वाद्य को [[हिन्दू]]-[[मुस्लिम]] गान वाद्यों का सबसे श्रेष्ठ मिश्रण माना गया है?
*[[शाण्डिल्यगृह्य]]
|type="()"}
*[[शाण्डिल्यधर्मशास्त्र]]
-[[वीणा]]
*[[शाण्डिल्यस्मृति]]
-[[ढोलक]]
*[[शातातपस्मृति]]
+[[सितार]]
*[[शांतिकमलाकार]]
-[[सारंगी]]
*[[शांतिकल्पदीपिका]]
 
*[[शांतिकल्पप्रदीप]]
{किस मुगल शासक को आलमगीर कहा जाता था?
*[[शांतिकविधि]]
|type="()"}
*[[शांतिकौमुदी]]  
-[[अकबर]]
*[[शांतिगणपति]]
-[[शाहजहाँ]]
*[[शांतिचिंतामणि]]
+[[औरंगजेब]]
-[[जहाँगीर]]
 
{[[पटना]] को प्रातीय राजधानी किसने बनाया था?
|type="()"}
+[[शेरशाह]] ने
-अलाउद्दीन हुसैनशाह
-[[इब्राहिम लोदी]] ने
-शहजादा अजीम ने
||[[चित्र:Shershah-Suri.jpg|शेरशाह सूरी|100px|right]]शेरशाह सूरी ने ही सर्वप्रथम अपने शासन काल में आज के भारतीय मुद्रा रुपया को जारी किया। इसीलिए इतिहासकार शेरशाह सूरी को आधुनिक रुपया व्यवस्था का अग्रदूत भी मानते है। मौर्यों के पतन के बाद पटना पुनः प्रान्तीय राजधानी बनी, अतः आधुनिक पटना को शेरशाह द्वारा बसाया माना जाता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेरशाह]]  
 
{मुगल सम्राट [[अकबर]] के समय का प्रसिद्ध चित्रकार था?
|type="()"}
-[[अबुल फ़ज़ल]]
-[[बिशनदास]]
+दशवत
-उस्ताद मसूर
 
{'अकबरनामा' किसने लिखा?
|type="()"}
-अब्दुल रहीम खानेखाना
-फैजी
-अब्दुल कादिर बदायूंनी
+[[अबुल फ़ज़ल]]
 
{[[शिवाजी]] के राजनीतिक गुरु एवं संरक्षक कौन थे?
|type="()"}
-[[समर्थ रामदास]]
-[[शाहजी भोंसले]]
+दादाजी कोण्डदेव
-इनमें से कोई नहीं
 
{किसे 'अतिम महान पेशवा' कहा जाता है?
|type="()"}
-माधवराव नारायण
-नारायण राव
-रघुनाथ राव
+माधव राव
 
{निम्नलिखित में से कौन बीजगणित के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए विशेष रूप से जाना जाता है?
|type="()"}
-[[आर्यभट्ट]]
-भास्कर
-लल्ल
+[[ब्रह्मगुप्त]]
||ब्रह्मगुप्त गणित ज्योतिष के बहुत बड़े आचार्य थे। [[आर्यभट्ट]] के बाद [[भारत]] के पहले गणित शास्त्री 'भास्कराचार्य प्रथम' थे। उसके बाद ब्रह्मगुप्त हुए। ब्रह्मगुप्त खगोल शास्त्री भी थे और आपने 'शून्य' के उपयोग के नियम खोजे थे। इसके बाद अंकगणित और बीजगणित के विषय में लिखने वाले कई गणितशास्त्री हुए।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्रह्मगुप्त]]  
 
{[[बाल गंगाधर तिलक]] द्वारा शुरु की गई साप्ताहिक पत्रिका कौन-सी थी?
|type="()"}
-यंग इंडिया
-कामरेड
+केसरी
-अल हिलाल
 
 
</quiz>
|}
|}
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12:45, 11 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण