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| ==कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान==
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| | valign="top"|
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| <quiz display=simple>
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| {कर्म का सिद्धांत सम्बन्धित है?
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| |type="()"}
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| -न्याय से
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| +मीमांसा से
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| -[[वेदांत]] से
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| -वैशेषिक से
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| {देश के लगभग कितने प्रतिशत भूभाग में दूरदर्शन की प्रसारण सुविधाओं का विस्तार है?
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| |type="()"}
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| -73%
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| -79%
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| +87%
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| -94%
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| {'जात्रा' कहाँ का प्रमुख लोक नृत्य है?
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| |type="()"}
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| +[[पश्चिम बंगाल]]
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| -[[बिहार]]
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| -[[पंजाब]]
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| -[[उड़ीसा]]
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| ||[[चित्र:Victoria-Memorial-Kolkata-4.jpg|विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता|100px|right]][[रंगमंच]] पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है तथा नए कलाकारों के साथ-साथ पेशेवर कलाकारों द्वारा मंच-प्रस्तुति उच्च कोटि की होती है। जात्रा खुले रंगमंच पर होने वाला पाम्परिक कार्यक्रम है, जिसकी कथावस्तु अब स्पष्ट रूप से पौराणिक एवं ऐतिहासिक विषयों से समकालीन विषय-वस्तु में परिवर्तित हो रही है और यह ग्रामीण और शहरी, दोनों शहरों में लोकप्रिय है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पश्चिम बंगाल]]
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| {देवदास बंजारे किस क्षेत्र से जुड़े थे?
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| |type="()"}
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| -पण्डवानी
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| +पंथी नृत्य
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| -धनकुल
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| -ढोकरा नृत्य
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| {एक ही स्थान पर लगने वाले दो [[कुम्भ|महाकुम्भ]] मेलों के बीच कितना अतंराल होता है?
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| |type="()"}
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| -6 वर्ष
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| -10 वर्ष
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| +12 वर्ष
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| -15 वर्ष
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| {निम्नलिखित नृत्यों में से कौन एकल नृत्य है?
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| |type="()"}
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| -[[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]]
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| -[[कुचिपुड़ी]]
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| +[[ओडिसी नृत्य|ओडिसी]]
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| -[[मोहनी अट्टम नृत्य]]
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| ||[[चित्र:Odissi-Dance.jpg|ओडिसी|100px|right]]ओडिसी को पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित [[शास्त्रीय नृत्य]] रूपों में से एक माना जाता है। [[उड़ीसा]] के पारम्परिक नृत्य, ओडिसी का जन्म मंदिर में नृत्य करने वाली देवदासियों के नृत्य से हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ओडिसी नृत्य|ओडिसी]]
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| {निम्नलिखित में से किस नृत्य का उद्भव उत्तर भारत में हुआ था।
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| |type="()"}
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| -[[मणिपुरी]]
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| -[[कथकली]]
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| +[[कत्थक]]
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| -[[भरतनाट्यम]]
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| ||[[चित्र:Birju-Maharaj.jpg|बिरजू महाराज|100px|right]]कथक का जन्म उत्तर में हुआ किन्तु पर्शियन और [[मुस्लिम]] प्रभाव से यह मंदिर की रीति से दरबारी मनोरंजन तक पहुंच गया। कथक की शैली का जन्म [[ब्राह्मण]] पुजारियों द्वारा [[हिन्दू|हिन्दूओं]] की पारम्परिक पुन: गणना में निहित है, जिन्हें कथिक कहते थे, जो नाटकीय अंदाज में हाव भावों का उपयोग करते थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कत्थक]]
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| {किस सूफी संत की दरगाह [[अजमेर]] में है?
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| |type="()"}
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| -हजरत निजामुद्दीन
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| -शेख सलीम चिश्ती
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| +मुईनुद्दीन चिश्ती
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| -बाबा फरीद
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| {'[[बिहू]]' किसका मुख्य पर्व है?
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| |type="()"}
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| +[[असम]]
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| -[[बिहार]]
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| -[[झारखण्ड]]
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| -[[उड़ीसा]]
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| ||[[चित्र:Bihu-Dance-Assam.jpg|बिहू|100px|right]]असम में अनेक रंगारंग त्योहार मनाए जाते हैं। बिहू असम का मुख्य पर्व है। यह वर्ष में तीन बार मनाया जाता है- 'रंगाली बिहू' या '[[बोहाग बिहू]]' फ़सल की बुआई की शुरुआत का प्रतीक है। इसी से नए वर्ष का शुभारंभ भी होता है। 'भोगली बिहू' या '[[माघ बिहू]]' फ़सल की कटाई का त्योहार है और 'काती बिहू' या 'कांगली बिहू' शरद ऋतु का एक मेला है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[असम]]
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| {निम्नलिखित में से कौन [[बाँसुरी]] वादक है?
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| |type="()"}
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| -[[पंडित रविशंकर]]
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| -केलुचरण महापात्र
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| -[[हरिप्रसाद चौरसिया]]
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| +जसराज मोतीराज
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| {खालसा पंथ की स्थापना कब हुई थी?
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| |type="()"}
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| -1666 ई .में
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| +1699 ई. में
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| -1679 ई. में
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| -1700 ई. में
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| {सम्पूर्ण विश्व में संचार का सबसे तेज और सस्ता साधन कौन-सा है?
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| |type="()"}
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| -कोरियर सेवा
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| -फैक्स
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| +ई-मेल
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| -स्नेल मेल
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| {[[भागवत धर्म]] का सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है?
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| |type="()"}
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| -[[उपनिषद]]
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| -स्मृति
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| +[[पुराण]]
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| -[[त्रिपिटक]]
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| ||[[चित्र:Puran-1.png|पुराण|100px|right]]पुराणों की रचना वैदिक काल के काफ़ी बाद की है,ये स्मृति विभाग में रखे जाते हैं। पुराणों में सृष्टि के आरम्भ से अन्त तक का विशद विवरण दिया गया है । पुराणों को मनुष्य के भूत, भविष्य, वर्तमान का दर्पण भी कहा जा सकता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पुराण]]
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| {[[उज्जैन]] का प्राचीन काल में क्या नाम था?
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| |type="()"}
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| +अवंतिका
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| -[[तक्षशिला]]
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| -[[इन्द्रप्रस्थ]]
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| -उपर्युक्त में कोई नहीं
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| {[[बौद्ध धर्म]] को मानने वालों की सर्वाधिक संख्या किस राज्य में है?
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| |type="()"}
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| -[[बिहार]]
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| -[[कर्नाटक]]
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| +[[महाराष्ट्र]]
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| -[[उत्तर प्रदेश]]
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| ||[[चित्र:Ratnagiri.jpg|महाराष्ट्र|100px|right]]महाराष्ट्र के सांस्कृतिक जीवन में [[गणेश चतुर्थी]], [[रामनवमी]], अन्य स्थानीय व क्षेत्रीय मेले और त्योहार महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनके द्वारा लोगों का स्थानीय तथा क्षेत्रीय मेल-मिलाप होता है और ये सामाजिक एकता को बढ़ावा देते हैं। अन्ध धर्मों के त्योहारों में भी लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं, जो सांस्कृतिक जीवन के महानगरीय चरित्र को दर्शाता है। ‘महानुभाव मत’ और डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर द्वारा पुनर्जीवित किए गए [[बौद्ध धर्म]] से सांस्कृतिक जीवन को नया आयाम मिला है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाराष्ट्र]]
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| </quiz>
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