"कौलेश्वरी देवी मन्दिर": अवतरणों में अंतर

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'''कौलेश्वरी देवी मन्दिर''' [[झारखण्ड]] [[राज्य]] के [[चतरा]] में [[कोल्हुआ पहाड़ी चतरा|कोल्हुआ पहाड़ी]] पर स्थित है।  
'''कौलेश्वरी मन्दिर''' [[झारखण्ड]] [[राज्य]] के [[चतरा]] में [[कोल्हुआ पहाड़ी चतरा|कोल्हुआ पहाड़ी]] पर स्थित एक बहुत ख़ूबसूरत मन्दिर है।  
*डॉ एम.ए. स्टिन के अनुसार यहाँ पर दसवें [[तीर्थंकर]] शीतला स्वामी का जन्म हुआ था। उनके भक्तों ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था।  
*डॉ एम.ए. स्टिन के अनुसार यहाँ पर दसवें र्तीथाकर शीतला स्वामी का जन्म हुआ था।  
*मन्दिर के पास एक गुफ़ा भी है जिसमें 23वें [[जैन]] [[तीर्थंकर पार्श्वनाथ]] की प्रतिमा देखी जा सकती है। इस प्रतिमा में उनके गलें में [[सांप]] है और वह साधना में लीन हैं।  
*उनके भक्तों ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था।  
*कौलेश्वरी देवी के मन्दिर तक पहुँचना दुर्गम है। लेकिन इसके आस-पास ख़ूबसूरत जंगल हैं। इन जंगलों में बेहतरीन पिकनिक का आनंद लेने के साथ-साथ वन्य जीवों जैसे [[लंगूर]], [[भालू]], हिरण, नीलगाय, [[तेंदुआ]] और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की मनोहारी झलक देखी जा सकती है।  
*मन्दिर के पास एक गुफ़ा भी है जिसमें 23वें [[जैन]] [[तीर्थंकर पार्श्वनाथ]] की प्रतिमा देखी जा सकती है।  
*इस प्रतिमा में उनके गलें में [[सांप]] है और वह साधना में लीन हैं।  
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07:00, 16 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

कौलेश्वरी देवी मन्दिर झारखण्ड राज्य के चतरा में कोल्हुआ पहाड़ी पर स्थित है।

  • डॉ एम.ए. स्टिन के अनुसार यहाँ पर दसवें तीर्थंकर शीतला स्वामी का जन्म हुआ था। उनके भक्तों ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था।
  • मन्दिर के पास एक गुफ़ा भी है जिसमें 23वें जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा देखी जा सकती है। इस प्रतिमा में उनके गलें में सांप है और वह साधना में लीन हैं।
  • कौलेश्वरी देवी के मन्दिर तक पहुँचना दुर्गम है। लेकिन इसके आस-पास ख़ूबसूरत जंगल हैं। इन जंगलों में बेहतरीन पिकनिक का आनंद लेने के साथ-साथ वन्य जीवों जैसे लंगूर, भालू, हिरण, नीलगाय, तेंदुआ और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की मनोहारी झलक देखी जा सकती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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