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{{सूचना बक्सा कविता
 
|चित्र=Suryakant Tripathi Nirala.jpg
|चित्र का नाम=सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
|कवि=[[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]]
|जन्म=माघ शुक्ल 11 सम्वत् 1953 (1896 ई.)
|जन्म स्थान=मेदनीपुर ज़िला, बंगाल ([[पश्चिम बंगाल]])
|मृत्यु=[[15 अक्टूबर]], सन [[1961]]
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[भारत]]
|मुख्य रचनाएँ=
|यू-ट्यूब लिंक=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|बाहरी कड़ियाँ=
}}
{{सूचना बक्सा कविता सूची
|कवि का नाम=सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
|रचना प्रकार=कविता
|रचना 1=मार दी तुझे पिचकारी
|रचना 2=शरण में जन, जननि
|रचना 3=कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
|रचना 4=ध्वनि
|रचना 5=अट नहीं रही है
|रचना 6=गीत गाने दो मुझे
|रचना 7=प्रियतम
|रचना 8=कुत्ता भौंकने लगा
|रचना 9=गर्म पकौड़ी
|रचना 10=बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु
|रचना 11=दीन
|रचना 12=तुम और मैं
|रचना 13=पथ आंगन पर रखकर आई
|रचना 14=खेलूँगी कभी न होली
|रचना 15=मातृ वंदना
|रचना 16=आज प्रथम गाई पिक पंचम
|रचना 17=उत्साह
|रचना 18=चुम्बन
|रचना 19=लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो
|रचना 20=मौन
|रचना 21=प्रपात के प्रति
|रचना 22=प्रिय यामिनी जागी
|रचना 23=वन बेला
|रचना 24=भिक्षुक
|रचना 25=तोड़ती पत्थर
}}
{{सूचना बक्सा कविता सूची
|कवि का नाम=सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
|रचना प्रकार=
|रचना 1=प्राप्ति
|रचना 2=मुक्ति
|रचना 3=वे किसान की नयी बहू की आँखें
|रचना 4=वर दे वीणावादिनी वर दे !
|रचना 5=मरा हूँ हज़ार मरण
|रचना 6=भारती वन्दना
|रचना 7=रँग गई पग-पग धन्य धरा
|रचना 8=भर देते हो
|रचना 9=दलित जन पर करो करुणा
|रचना 10=उक्ति
|रचना 11=बापू, तुम मुर्गी खाते यदि...
|रचना 12=ख़ून की होली जो खेली
|रचना 13=आज प्रथम गाई पिक
|रचना 14=स्नेह-निर्झर बह गया है
|रचना 15=पत्रोत्कंठित जीवन का विष
|रचना 16=केशर की कलि की पिचकारी
|रचना 17=भेद कुल खुल जाए
|रचना 18=राजे ने अपनी रखवाली की
|रचना 19=गहन है यह अंधकारा
|रचना 20=मद भरे ये नलिन
|रचना 21=खुला आसमान
|रचना 22=नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे
|रचना 23=संध्या सुन्दरी
|रचना 24=तुम हमारे हो
|रचना 25=टूटें सकल बन्ध
}}

12:36, 10 मार्च 2012 के समय का अवतरण