"अहमदशाह बहमनी": अवतरणों में अंतर

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*'''अहमदशाह बहमनी''' ने 1422 से 1435 ई. तक राज्य किया था।
'''अहमदशाह बहमनी''' ने 1422 से 1435 ई. तक राज्य किया था। यह [[बहमनी सल्तनत]] का नवाँ सुल्तान था, जो 1422 ई. में अपने भाई, आठवें सुल्तान [[फ़िरोज शाह बहमनी|फ़िरोज]] की हत्या करके तख़्त पर बैठा था।
*यह बहमनी सल्तनत का नवाँ सुल्तान था, जो 1422 ई. में अपने भाई, आठवें सुल्तान [[फ़िरोज शाह बहमनी|फ़िरोज]] की हत्या करके तख़्त पर बैठ था।
*अहमदशाह बहमनी ने अपनी राजधानी [[गुलबर्गा]] सं हटाकर [[बीदर]] में स्थापित की।
*अहमदशाह बहमनी ने अपनी राजधानी [[गुलबर्गा]] सं हटाकर [[बीदर]] में स्थापित की।
*उसने बीदर का नया नाम 'मुहमदाबाद' रखा था।
*उसने बीदर का नया नाम 'मुहमदाबाद' रखा था।
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*सुल्तान ने अपने सैनिक अभियान के अन्तर्गत [[विजयनगर साम्राज्य]], [[वारंगल]] एवं [[मालवा]] पर सफल आक्रमण किया।
*सुल्तान ने अपने सैनिक अभियान के अन्तर्गत [[विजयनगर साम्राज्य]], [[वारंगल]] एवं [[मालवा]] पर सफल आक्रमण किया।
*उसने राज्य को बुरी तरह नष्ट किया और हज़ारों स्त्री-पुरुषों और बच्चों का क़त्ल कर दिया।
*उसने राज्य को बुरी तरह नष्ट किया और हज़ारों स्त्री-पुरुषों और बच्चों का क़त्ल कर दिया।
*उसने वारंगल के [[हिन्दू]] राज्य को भी जीत लिया और मालवा तथा [[गुजरात]] के सुल्तानों तथा [[कोंकण]] के हिन्दू राजाओं से युद्ध किये।
*वह अपनी राजधानी गुलबर्गा से बीदर ले गया और अपने नाम पर उसका नामकरण [[अहमदनगर]] किया।
*[[गुजरात]] के साथ अहमदशाह बहमनी ने एक संधि की थी।
*[[गुजरात]] के साथ अहमदशाह बहमनी ने एक संधि की थी।
*अहमदशाह का शासनकाल न्याय एवं धर्मनिष्ठता हेतु प्रसिद्ध था।
*अहमदशाह का शासनकाल न्याय एवं धर्मनिष्ठता हेतु प्रसिद्ध था।
*उसका उल्लेख [[इतिहास]] में 'शाह वली' या 'संत अहमद' के नाम से किया गया है।
*उसका उल्लेख [[इतिहास]] में 'शाह वली' या 'संत अहमद' के नाम से किया गया है।
*अहमदशाह बहमनी द्वारा 1432 ई. में निर्मित प्रसिद्ध बीदर दुर्ग के रंगमहल के तीन कमरों में किसी समय सुन्दर पुष्पलताओं के चित्र थे,  किन्तु अब वे नष्ट हो चुके हैं।
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==संबंधित लेख==
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05:38, 26 मार्च 2012 के समय का अवतरण

अहमदशाह बहमनी ने 1422 से 1435 ई. तक राज्य किया था। यह बहमनी सल्तनत का नवाँ सुल्तान था, जो 1422 ई. में अपने भाई, आठवें सुल्तान फ़िरोज की हत्या करके तख़्त पर बैठा था।

  • अहमदशाह बहमनी ने अपनी राजधानी गुलबर्गा सं हटाकर बीदर में स्थापित की।
  • उसने बीदर का नया नाम 'मुहमदाबाद' रखा था।
  • सुल्तान ने 'अफ़ाकियों' के वंशज 'सलाफ़ हसन' को 'मलिक-उत-तज्जर' की उपाधि से 'वकील-ए-सल्तनत' या 'प्रधानमंत्री' नियुक्त किया।
  • इस नियुक्ति से राज्य में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा मिला।
  • सुल्तान ने अपने सैनिक अभियान के अन्तर्गत विजयनगर साम्राज्य, वारंगल एवं मालवा पर सफल आक्रमण किया।
  • उसने राज्य को बुरी तरह नष्ट किया और हज़ारों स्त्री-पुरुषों और बच्चों का क़त्ल कर दिया।
  • उसने वारंगल के हिन्दू राज्य को भी जीत लिया और मालवा तथा गुजरात के सुल्तानों तथा कोंकण के हिन्दू राजाओं से युद्ध किये।
  • वह अपनी राजधानी गुलबर्गा से बीदर ले गया और अपने नाम पर उसका नामकरण अहमदनगर किया।
  • गुजरात के साथ अहमदशाह बहमनी ने एक संधि की थी।
  • अहमदशाह का शासनकाल न्याय एवं धर्मनिष्ठता हेतु प्रसिद्ध था।
  • उसका उल्लेख इतिहास में 'शाह वली' या 'संत अहमद' के नाम से किया गया है।
  • अहमदशाह बहमनी द्वारा 1432 ई. में निर्मित प्रसिद्ध बीदर दुर्ग के रंगमहल के तीन कमरों में किसी समय सुन्दर पुष्पलताओं के चित्र थे, किन्तु अब वे नष्ट हो चुके हैं।


बहमनी वंश
पूर्वाधिकारी
फ़िरोज शाह बहमनी
अहमदशाह बहमनी उत्तराधिकारी
अलाउद्दीन बहमन शाह द्वितीय


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