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|हिन्दी=किसी गुण या कार्य के लिए होने वाली प्रशंसा।  
|हिन्दी=किसी गुण या कार्य के लिए होने वाली प्रशंसा।  
|व्याकरण=पुल्लिंग [[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]]
|व्याकरण=पुल्लिंग [[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]]
|उदाहरण=<poem>अपनी ही आहुतियाँ देकर  
|उदाहरण=<poem>अपनी ही आहुतियाँ देकर, स्वयं प्रकाशित रहना सीखो।
स्वय प्रकाशित रहना सीखों
'''यश''' अपयश जो भी मिल जाये, उसको हंस कर सहना सीखो॥</poem>
'''यश''' अपयश जो भी मिल जाये
उसको हंस कर सहना सीखों</poem>
|विशेष=
|विशेष=
|विलोम=अपयश
|विलोम=अपयश
|पर्यायवाची=प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा, कीर्ति ख्याति, शोहरत।  
|पर्यायवाची=प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा, कीर्ति, ख्याति, शोहरत।  
|संस्कृत=यशस्
|संस्कृत=यशस्
|अन्य ग्रंथ=
|अन्य ग्रंथ=

11:09, 27 मार्च 2012 के समय का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी किसी गुण या कार्य के लिए होने वाली प्रशंसा।
-व्याकरण    पुल्लिंग संज्ञा
-उदाहरण  

अपनी ही आहुतियाँ देकर, स्वयं प्रकाशित रहना सीखो।
यश अपयश जो भी मिल जाये, उसको हंस कर सहना सीखो॥

-विशेष   
-विलोम    अपयश
-पर्यायवाची    प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा, कीर्ति, ख्याति, शोहरत।
संस्कृत यशस्
अन्य ग्रंथ
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